हिन्दू देवी-देवताओंके छायाचित्रसे राहुल गांधीका बैर जारी, रथयात्राकी शुभकामना दी; किन्तु प्रभु जगन्नाथकी उपेक्षा की
०१ जुलाई, २०२२
ओडिशाका पवित्र नगर पुरी, भगवान जगन्नाथकी प्रसिद्ध रथयात्रा उत्सव मनानेके लिए ‘तैयार’ है। पुरी जगन्नाथ यात्रामें विधिवत अनुष्ठानके उपरान्त गुरुवार ३० जून २०२२ को ही भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलराम और बहन सुभद्राके रथोंको खींचकर मन्दिरके सिंहद्वारके सामने रख दिया गया। भगवान जगन्नाथका रथ खींचकर पुण्य कमानेकी इच्छा रखनेवाले कई लाख भक्त पुरीधाम पहुंच चुके हैं । रथयात्राका समापन १२ जुलाई को होगा । वहीं इसे लेकर शुभकामना देते समय भी राहुल गांधी हिन्दू-देवी देवताओंसे एकबार पुनः कन्नी काटते दृष्टिगत हुए ।
बहुत लोगोंकी भांति कांग्रेसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधीने भी रथयात्राकी बधाई दी है; यद्यपि, राहुल गांधीकी बधाईमें भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्राका चित्र नहीं था । उन्होंने बधाई देते हुए लिखा, “सभी देशवासियोंको महाप्रभु श्रीजगन्नाथ रथयात्राके पावन अवसरपर हार्दिक शुभकामनाएं । मैं कामना करता हूं कि श्रद्धा और आस्थासे भरी यह यात्रा आप सबके जीवनमें सुख, समृद्धि, शान्ति और अच्छा स्वास्थ्य लाए ।
यह प्रथम बार नहीं है, न राहुल गांधीने अनजानेमें ऐसा किया है । राहुल गांधी जब भी हिन्दू त्योहारोंकी शुभकामनाएं देते हैं, तब उससे सम्बद्ध हिन्दू देवी-देवताके छायाचित्र तिरोहित कर देते हैं । यह आरोप सामाजिक जालस्थलपर उनपर लगते रहते हैं । पिछले वर्ष भी जगन्नाथ यात्राकी शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने भगवानके छायाचित्र नहीं लगाए थे ।
राहुल गांधी अपने कुटुम्बकी परम्परा ही निभा रहे हैं । नेहरूसे लेकर राजीव गांधीतक सभीने अनेक बार सनातन धर्मका अपमान किया है । अगर भारतमें चुनावी राजनीति न होती तो यह विधर्मी परिवार स्पष्टतः सनातन संस्कृति का विरोध कर रहा होता । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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