तौफीक-दानिशने सार्वजनिक किया ‘फर्जी स्क्रीनशॉट’, राजस्थान ‘पुलिस’ने निरपराध दलितको कारागृहमें रखा : अंजुमन समितिकी प्राथमिकी, ‘SDM’के ‘स्टाफ’ कफीलका ‘दबाव’


१० जुलाई, २०२२
      राजस्थानके भीलवाडामें ‘पुलिस’द्वारा ‘फर्जी स्क्रीनशॉट’की कारणसे एक दलित युवकको कारागृह भेजे जानेका समाचार है । पीडित युवक २३ वर्षका विशाल खटीक है । उसको ७ दिन कारागृहमें रहना पडा। । कारागृहसे छूटनेके पश्चात अब विशालको धमकियां मिल रही हैं ।
      ‘मीडिया’ प्रतिवेदनके अनुसार पीडित युवक विशालको सुरक्षाके लिए ‘पुलिस’के २ सिपाही दिए गए हैं । ‘एडिशनल SP’ शाहपुरा चंचल मिश्रके अनुसार, ७ जुलाईको विशालके परिवादपर जहाजपुरके तौफीक और देशवालीके दानिशको बन्दी बनाया गया था । इन दोनोंपर विशालके ‘फर्जी स्क्रीनशॉट’को सार्वजनिक करनेका आरोप था । जांचके मध्य तौफीक और विशालमें कोई पुरानी शत्रुता निकल कर आई थी, जिसके चलते तौफीकने विशालको फंसानेके लिए ये पग उठाया था ।
      पांचजन्यके अनुसार, विशालकी ‘स्क्रीनशॉट’ सार्वजनिक होनेके पश्चात अंजुमन समितिने उसपर अभियोग प्रविष्ट करवाया । कालान्तरमें ‘SDM’ कार्यालयके ‘स्टाफ’ मोहम्मद कलीमने मुजपर बलात आरोप स्वीकार करनेका ‘दबाव’ बनाया । वही बाहर ‘भीड’ विशालको ‘खुद’के ‘हवाले’ करने और उन्मादी उद्घोष लगा रही थी, जिसे सुनकर भी ‘थाना’ प्रभारी मौन थे । अब विशालने अभियोगके जांच अधिकारीपर मानहानिका अभियोग प्रविष्ट करनेका निर्णय किया है ।
      राजस्थान ‘पुलिस’द्वारा बिना जांचके लिया गया निर्णय निन्दनीय है । दोषी पुलिसवालोंके विरुद्ध कठोर कार्यवाही होनी चाहिए, ऐसा देशकी जनताको अपेक्षित है । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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