ज्ञानकी चोरी है एक महापाप


एक साधकने मुझसे कहा कि कुछ लोग आपके सुवचनोंको अपने नामसे अनेक व्हाट्सएप गुटोंमें साझा कर रहे हैं । मैंने कहा, “कोई बात नहीं, ऐसे लोगोंका मृत्यु उपरान्त ब्रह्मराक्षसका पद सुनिश्चित है जो एक अत्यन्त यातनादायक योनि होती है, विद्या जहांसे सीखते हैं, उसका सन्दर्भ देनेसे विनम्रतामें वृद्धि होती है और अहंकारयुक्त ज्ञानका प्रदर्शन विनाशकी ओर ले जाता है ।” ज्ञानकी चोरीको शास्त्रोंमें महापाप बताया गया है, चाहे आपका हेतु कितना भी विशुद्ध क्यों न हो ! ब्रहम राक्षसकी योनि कितनी कष्टप्रद होती है इस विषयमें एक प्रसंग साझा करती हूं ।
एक बार एक साधकके एक पूर्वज, जो जन्म ब्राह्मण थे, जिन्हें मृत्यु उपरान्त ब्रह्मराक्षसकी योनि प्राप्त हुई थी, वह हमारे सत्संगमें एक साधकमें प्रकट होकर गति मांगनेकी विनती करते हुए कह रहे थे, “किसी भी प्रकार हमें इस योनिसे मुक्ति मिल जाए तो ईश्वरकी बडी कृपा होगी । ब्रह्मराक्षसकी यह योनि अत्यन्त यातनादायक है; उसके पश्चात् यदि किसी मुझे शूद्रके घर भी जन्म मिल जाए तो मैं कृतार्थ हो जाऊंगा ।” यह लिंगदेह, मृत्यु पूर्व गुरुपदके योग्य न होनेपर भी गुरु बननेका ढोंग किया करती थी और वे ब्राह्मण जातिके एक उन्नत, किन्तु अहंकारी साधक थे।-तनुजा ठाकुर



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