देखिये ! हिन्दू धर्ममें नपुंसक प्रवृत्तिको प्रसारित करने हेतु किसीने कभी कह दिया होगा कि महाभारत घरमें नहीं रखना चाहिए और हिंदुओंने इस तथ्यको सत्य मान लिया, जबकि वह ग्रंथ चार वेदोंके पश्चात विश्वकी सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है और पंचम वेद समान है। आज एक महानुभाव कहने लगे महाभारतमें कृष्ण अर्जुनका चित्र वास्तु शास्त्र सम्मत नहीं है ! भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुनका चित्र क्षात्रवृत्ति एवं अपने मूल कर्तव्यको प्राणकी आहुति देकर भी पूर्ण करने की प्रेरणा देनेवाला चित्र है, इससे वास्तु दोष कैसे हो सकता है ! इस चित्रसे ईश्वरकी मारक शक्ति प्रक्षेपित होती है और इससे तो वास्तुकी शुद्धि होती है ! अपूर्ण ज्ञान किस प्रकार समाजका दिशाभ्रम करता है यह सिद्ध होता है | आगे उन्होंने कहा कि शयन कक्षमें नहीं रख सकते हैं , बैठक कक्षमें रख सकते हैं , आज अनेक व्यक्तिको रात्रीमें अनिष्ट शक्तियोंका कष्ट होता है ऐसेमें इस चित्रसे चैतन्य प्राप्त होकर, अनिष्ट शक्तिसे रक्षण हो सकता है !
इससे समझमें आता है कि हिंदुओंको सूक्ष्मका ज्ञान सीखना और सिखाना कितना आवश्यक है !-तनुजा ठाकुर
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