आजकल कुछ माताएं दोसे चार वर्षके बच्चोंको फिल्मी गाने सुनाकर भोजन कराती हैं और यह बात वे बडे गर्वसे सबसे कहती हैं कि मेरा चार वर्षका बालक फलाने फिल्मी नायिकाके गानेमें रुचि लेता है, आजके फिल्मी गीत देखकर तो वैश्या भी लज्जित हो जाये, ऐसे संस्कार बालमनपर डालनेसे छोटी आयुमें ही बच्चेकी वासना जागृत हो जाती है और तमोगुणी कार्यक्रम देखकर भोजन करवानेके कारण बच्चोंको खिलाये जानेवाला भोजन विष बन जाता है -तनुजा ठाकुर
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