धन नष्ट हो जाये तो पुनः पुरुषार्थ कर उसे संग्रहित किया जा सकता है; परंतु समय एक बार निकल जाये तो पुनः नहीं आता अतः समयका सदुपयोग करें । जितना दुख स्व अर्जित धनके खोनेमें होता है उससे अधिक दुख बहुमूल्य समय के व्यर्थ गंवानेमें होना चाहिए ! यह मनुष्य योनि बहुमूल्य है इसका सार्थक उपयोग कर ईश्वरके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें -तनुजा ठाकुर
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