हिंदुओं, शायरी और गजल न सुना करें


हिंदुओं, शायरी और गजल न सुना करें इसमें ‘शराब’ और ‘शबाब’ के सिवा कुछ नहीं होता जो स्त्रीके प्रति हमारे दृष्टिकोणको वासनायुक्त कर हमारे मन एवं बुद्धिके ऊपर काला आवरणको बढा देती है ! वासनायुक्त पुरुषको हमारी भारतीय संस्कृतिमें असुरकी उपमा दी गयी है, रावण महापंडित थे परंतु वासनाने उन्हें अंधा कर दिया और उसके विनाशका मार्ग भो प्रशस्त कर दिया ! ध्यान रहे वैदिक संस्कृतिमें स्त्रीको पूजिता माना गया है, भोग्या नहीं !-तनुजा ठाकुर



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