धर्माचार्योंद्वारा पाखंडी कथावाचकोंका विरोध करनेका प्रभाव निश्चित ही व्यापक पडेगा !
कुछ हिन्दू धर्माचार्योंने अब खुलकर उन कथावाचकोंका विरोध करना आरम्भ कर दिया है, जो सर्वधर्मसमभावका समर्थन व्यासपीठसे करते हैं ! यह बहुत पहले ही होना चाहिए था; किन्तु देर ही सही, इसका निश्चित ही व्यापक प्रभाव पडेगा एवं हिन्दुओंके लिए एक स्वधर्माभिमानयुक्त नूतन कालका शुभारम्भ होगा । हम उनके इस विरोधका अनुमोदन करते हैं ।
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