वर्ष २००० से २०१९ तक का कालखंड सभी भक्तों के लिए कष्टप्रद है, यह अनेक संतोंने बताया है ! अतः जब भी भक्त किसी भी सुप्रसिद्ध मंदिर, यात्रा और तीर्थक्षेत्र में जाते हैं तो यात्रा निर्विघ्न होने हेतु प्रतिदिन उसी निमित्त संकल्प लेकर अपने इष्ट देवता का पंद्रह मिनट सुमिरन अवश्य करें ! यह जप यदि सुबह ही कर लिया जाये तो सम्पूर्ण दिवस साधना हेतु जो भी विशेष प्रयास जैसी यात्रा, मंदिर दर्शन इत्यादि करते हैं वह सब निर्विघ्न होगा ! ध्यान रहे यह काल विनाश का है और सूक्ष्म जगत की आसुरी शक्ति अपना साम्राज्य पूरे विश्व में स्थापित करने हेतु पुरजोर प्रयास कर रही हैं अतः इस धर्मविरोधी सामाजिक व्यवस्था में हमारी भक्ति ही एकमात्र हमारा कवच है क्योंकि यहाँ त्रासदी होने के पश्चात हमारी सरकार की आँखें खुलती है ! आप ध्यान देंगे तो आपको भान होगा की वर्ष २००५ से ही अनेक सात्त्विक श्राद्धस्थानों पर अनेक प्रकार की नैसर्गिक और मानव निर्मित आपदाओं ने भक्तों को मात्र क्लेश ही नहीं दिये हैं, उनके प्राण भी हरे हैं ! -तनुजा ठाकुर
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