आपातकालमें हिन्दू समाजके सर्व घटकोंको एकत्र आकर हिन्दुओंकी रक्षाके लिए कार्य करना चाहिए ! – अभय वर्तक, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था


१७ जून, २०२२
      आगे आनेवाले भीषण आपातकालमें हिन्दुत्वनिष्ठ एवं साधकोंको सात्त्विक व्यक्तियोंको बचानेका प्रमुख कार्य होगा । आपत्तिमें फंसे सज्जन हिन्दुओंकी सर्वाेपरी सहायता करें । यह सम्पूर्ण कार्य किसी भी एक संगठन अथवा व्यक्ति का नहीं है । आपातकालमें हिन्दू समाजके सभी घटकोंको एकत्र आकर हिन्दुओंकी रक्षाके लिए यह कार्य करना होगा । ऐसा करना समाजऋण चुकाने समान है और इससे हमारी साधना भी होनेवाली है । आपातकालमें होनेवाली इस भीषण हानिके कारण कुछ लोग दु:खी होंगे; तो कुछ सोचेंगे, ‘इस हानिको रोकनेके लिए क्या ईश्वर कुछ नहीं करेगा ? हमारे ध्यानमें आना चाहिए कि यह आपातकाल समूचे विश्वमें ईश्वरीय राज्य स्थापना होनेकी दृष्टिसे ईश्वरद्वारा ही लाई गई योजना है । पृथ्वीके रज-तमका भार हलकाकर सत्त्वगुणकी प्रबलता निर्माण करनेके लिए ईश्वरद्वारा बनाई उपाययोजना है; अर्थात सज्जन लोगोंकी दृष्टिसे यह आपातकाल एक अवसरके समान होगा । इसलिए ‘आपातकाल योग्य है अथवा अयोग्य ?’, इसका विचार न करते हुए ‘इस आपातकालका सामना एवं हिन्दूरक्षाका कार्यकर, ईश्वरकृपा सम्पादन करनेका अवसर है’, ऐसा विचार हिन्दू समाजको करना चाहिए ! ऐसा प्रतिपादन सनातन संस्थाके धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तकने यहां किया । वे ‘सनातन संस्थाका आवाहन ! : हिन्दू समाज आपातकालकी सिद्घता (तैयारी) करें’ इस विषयपर बोल रहे थे ।
       श्री. अभय वर्तकजीने उचित ही कहा है । जबतक सभी हिन्दू एकत्रित होकर, हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना हेतु आवश्यक प्रयास नहीं करेंगे । तबतक आपातकालमें हिन्दुओंका संरक्षण नहीं होगा । आगमी आपातकालमें ईश्वर केवल साधकोंका ही रक्षण करेंगे; अतः हमें साधक बनने हेतु आवश्यक प्रयास करने चाहिए । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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