साधको, जिसप्रकार किसी औरके वस्त्र पहननेसे, हाथ मिलानेसे (हैण्ड शेक करनेसे) या किसीका जूठन खानेसे हमें अनिष्ट शक्तियोंका कष्ट हो सकता है, वैसे ही किसीका ब्रुश (दांत मांजनेवाला) जिभिया(जीव स्वच्छ करनेवाला) तौलिया, कंघा, एवं बिछाने तथा ओढनेवाले चादरसे भी अनिष्ट शक्तियोंका कष्ट हो सकता है इसलिए दूसरोंद्वारा प्रयोगमें लाए इन वस्तुओंका प्रयोग कदापि न करें ! ध्यान रहे साधना व धर्मपालनके अभावमें आज समाजके ७० % लोगोंको मध्यमसे तीव्र स्तरका अनिष्ट शक्तियोंका कष्ट हैं ! बुद्धिसे किसी कष्ट है किसे नहीं यह समझना अत्यधिक कठिन है !
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