गणेशजी के १२ नाम


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सुमुखश्चैकदंतश्च कपिलो गजकर्णकः |
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो गणाधिपः |
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः ।
द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि ।
विद्यारंभे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा ।
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते ।।

अर्थ : सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट,विघनाश, गणाधिप, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचन्द्र, गजानन – जो विद्या आरंभ करनेसे पूर्व, विवाहके समय , प्रवेश करते समय या जाते समय , संग्राममें या संकटके समय जो श्री गणेशके इन बारह नामोका जो श्रवण या पठन करते हैं उन्हें कोई विघ्न नहीं होता !



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