गणेश स्तुति


अगजाननपद्मार्कं गजाननमहर्निशम् ।
अनेकदन्तं भक्तानां एकदन्तमुपास्महे ।।
अर्थ : गजके मुखवाले गणपती अपनी पद्मके समान मुखवाली माता पार्वतीके मुखपर तेजसको उत्पन्न करनेवाले, उन एकदंत गणपतिकी मैं पूजन करता  हूं जो दिन और रात्रिके स्वामी हैं और भक्तोंका कल्याण करनेवाले हैं ।



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