कहां प्रकृतिका पोषण करनेवाला हिन्दू धर्म और कहां आधुनिक विज्ञानके नामपर प्रकृतिके साथ खिलवाड करनेवाला पाश्चात्यवाद!


हिन्दू धर्म एकमात्र ऐसा धर्म है जो सत्त्व, रज और तमके सिद्धान्तको मानता है । हमारी संस्कृतिने प्रकृतिके साथ कभी खिलवाड नहीं किया । पाश्चात्य देशोंने प्रकृति प्रदत्त सभी खाद्य पदार्थोंतकसे अपनी स्वार्थसिद्धि हेतु जैविक अभियान्त्रिकीके (genetical engineering) नामपर खिलवाड किया है और कर भी रहे हैं; फलस्वरूप उस रज और तमप्रधान भोजनको खानेपर कर्करोग (कैंसर) जैसे भयावह रोग, वहां महामारी समान फैल रहा है । हिन्दुओंको धर्मका ज्ञान नहीं होनेके कारण वे विदेशी तमोगुणी संस्कृति, भोजन, संगीत, वस्त्र और संस्कार सभीके प्रति आकृष्ट होकर, उसकी भूरि-भूरि प्रशंसाकर, उन्हें अपनाते हैं । – तनुजा ठाकुर (२.९.२०१३)



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