आजका अधिकांश पुरुष-वर्ग इतना बहिर्मुख हो गया है कि जब भी बलात्कार इत्यादिकी घटनाओंके बारेमें कुछ भी दृष्टिकोण देते हैं तो झटसे वे सारा दोष स्त्रियोंपर डाल देते हैं कि आज स्त्रियां अंग प्रदर्शन करती हैं, इसलिए ऐसा हो रहा है, परन्तु जिस देशमें स्त्रियां ‘बुर्का’में रहती हैं, वहांका पुरुष-वर्ग सर्वाधिक कामुक होता है । एक सर्वेक्षणमें पाया गया है कि उन देशोंमें सर्वाधिक प्रमाणमें अश्लील जालस्थान (पोर्नसाइट्स) देखे जाते हैं और सर्वाधिक यौन उत्पीडन और बलात्कारकी घटनाएं होती हैं ! और आज तक जितने भी बलात्कार हुए हैं, उनमें अधिकांश पीडित स्त्रियों एवं बच्चियोंने शालीन वस्त्र पहना हुआ होता है ! अतः समय आ गया है कि पुरुष अपनी वृत्तिको अन्तर्मुख करें, अन्यथा अबला स्त्रियोंपर हो रहे अन्याय और उनकी करुण चीत्कार महाविनाश ला सकती है ! और ध्यान रहे, वैश्या और अप्सरा, ये तो मायाकी रचनाका अभिन्न भाग हैं और इसलिए ईश्वरने विवेक, धर्म और मार्गदर्शक दिए हैं, उनकी सहायतासे हम योग्य और अयोग्यका निर्णय कर सकते हैं !
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