बाबा बिरयानीवाले मुख्तारके बेटे उमरने बुलाए थे कानपुर हिंसाके लिए ‘हथियारों’ सहित लोग’, ‘बिल्डर’ वसीके साथ रचा समूचा षड्यन्त्र


१८ जुलाई, २०२२
      उत्तर प्रदेशके कानपुरमें ३ जून २०२२ को ‘जुमे’की ‘नमाज’के पश्चात हुई हिंसाके प्रकरणकी वास्तविकता उजागर हुई है । ज्ञात हुआ है कि हिंसक घटना बेकनगंजसे प्रारम्भ न होकर पेंचबागसे आरम्भ हुई थी । बाबा बिरयानीवाले मुख्तार और ‘बिल्डर’ हाजी वसीने समूची हिंसाका नियोजन किया था । ‘हयात जफर गैंग’ और ‘डीटू गैंग’को इनसे ही निर्देश मिल रहे थे । हिंसाके पश्चात मुख्तार और वसी भगोडे पाए गए थे । सर्वप्रथम पेंचबागमें पथराव हुआ, जो नयी सडक और दादामियां ‘चौराहे’तक फैल गया । बाबा बिरयानीका स्वामी मुख्तार बाबा और ‘बिल्डर’ मोहम्मद वसी हिंसक ‘भीड’के पीछेसे स्थितिपर दृष्टि बनाए रखे हुए थे । इन्हींंके संकेतोंपर हयात जफरने ‘पुलिस’को शान्तिका मिथ्या आश्वासन दिया था ।
         हयात जफरके साथ इस समूचे षड्यन्त्रमें मोहम्मद सूफियान, इखलाक, निजाम, मोहम्मद राहिल और मोहम्मद जावेद सम्मिलित थे । पथरावका स्थान और समय सब पहलेसे ही निश्चित था । मुख्तारके बेटे उमरने हिंसाको भडकानेके लिए ‘हथियारों’ सहित जिहादी बुलाए थे; जिन्होंने न केवल ‘पत्थर’ फेंके, अपितु ‘पेट्रोल बम’का भी उपयोग किया । हिंसक ‘भीड’को अफजाल, बशीर और बाबर नेतृत्व कर रहे थे । अफजालकी भूमिका उपद्रवियोंको बुलानेमें भी थी ।
         उधर कानपुर प्रशासन हिंसाके ‘मास्टरमाइंड’ हाजी वसीकी अवैध ‘इमारतें’ गिरानेकी सिद्धता कर रहा है । वसीकी १६ अवैध ‘इमारतों’को गिराया जाएगा, जिसमें १० ‘दुकानें’ हैं । इन ‘इमारतों’में ५ और ७ ‘मंजिला’तकके घर भी हैं । हाजी वसीके साथ उसके बेटे हमजा और सहयोगी आदिलको भी इस बावत प्रशासनद्वारा ‘नोटिस’ प्रस्तुत किया गया है ।
        तथाकथित शान्तिप्रिय जिहादी किसी भी क्षेत्रसे क्यों न हो ? उपद्रव, हत्याकाण्ड और आतङ्कवाद जैसे कुकृत्योंमें ही संलिप्त पाए जाते हैं; इनपर नित्य और गहन कार्यवाही करते रहना चाहिए । राष्ट्र और विश्वमें वास्तविक शान्ति, आनन्द और चैतन्यको साकार करने केवल हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनासे ही होगा; धरामें इस दिव्यताको साकार करनेके जिहादियोंको भी समूल रूपसे पराजित करना पडेगा । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


सूचना: समाचार / आलेखमें उद्धृत स्रोत यूआरऍल केवल समाचार / लेख प्रकाशित होनेकी तारीखपर वैध हो सकता है। उनमेंसे ज्यादातर एक दिनसे कुछ महीने पश्चात अमान्य हो सकते हैं जब कोई URL काम करनेमें विफल रहता है, तो आप स्रोत वेबसाइटके शीर्ष स्तरपर जा सकते हैं और समाचार / लेखकी खोज कर सकते हैं।

अस्वीकरण: प्रकाशित समाचार / लेख विभिन्न स्रोतोंसे एकत्र किए जाते हैं और समाचार / आलेखकी जिम्मेदारी स्रोतपर ही निर्भर होते हैं। वैदिक उपासना पीठ या इसकी वेबसाइट किसी भी तरहसे जुड़ी नहीं है और न ही यहां प्रस्तुत समाचार / लेख सामग्रीके लिए जिम्मेदार है। इस लेखमें व्यक्त राय लेखक लेखकोंकी राय है लेखकद्वारा दी गई सूचना, तथ्यों या राय, वैदिक उपासना पीठके विचारोंको प्रतिबिंबित नहीं करती है, इसके लिए वैदिक उपासना पीठ जिम्मेदार या उत्तरदायी नहीं है। लेखक इस लेखमें किसी भी जानकारीकी सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता और वैधताके लिए उत्तरदायी है।

विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution