विरोधियोंको ‘एनआइए’ न्यायालयका उत्तर, साध्वी प्रज्ञाको मतदानमें प्रतिस्पर्धासे नहीं रोक सकते !


अप्रैल २४, २०१९


   
भोपाल सीटसे बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुरके प्रकरणमें राष्ट्रीय जांच विभागके (एनआईए) न्यायालयने कहा है कि वह प्रज्ञाको चुनाव लडनेसे नहीं रोक सकते हैं । वास्तवमें प्रज्ञाके स्वास्थ्यको ठीक बताते हुए न्यायालयसे उनके लडनेपर प्रतिबन्ध लगानेकी मांग की गई है । बता दें कि मालेगांव विस्फोटमें आरोपी प्रज्ञाकी उम्मीदवारीके विरुद्घ चुनाव आयोगमें भी परिवाद की गई है ।

‘एनआईए’ न्यायालयमें प्रज्ञा ठाकुरके मतदान लडनेपर प्रतिबन्ध लगानेकी मांग करनेवाले याचिकाकर्ता अधिवक्ताने कहा, “वे स्वास्थ्यको आधार बनाकर न्यायालयकी कार्यवाहीमें सम्मिलित नहीं हो रही हैं; परन्तु वह चुनाव प्रचारमें जुटी हुई हैं, जिसे देखकर लगता है कि वह रोगी नहीं हैं ।’

अधिवक्ताके स्पष्टीकरणपर एनआईए न्यायालयने कहा, “वर्तमान मतदानमें इस न्यायालयके पास किसीको चुनाव लडनेसे रोकनेकी वैधानिक शक्ति नहीं है । यह चुनाव अधिकारियोंपर है कि वे इस बारेमें निर्णय करें । यह न्यायालय आरोपी ‘क्रमांक १’को (प्रज्ञा ठाकुर) मतदान लडनेसे नहीं रोक सकता । इस सम्बन्धमें परिवाद निरस्त की जाती है ।”

‘एनआईए’ न्यायालयने अपनी टिप्पणीमें कहा, “इस समय न्यायालय यह नहीं कह सकता कि आरोपीके विरुद्घ कोई प्रथम दृष्टया प्रकरण नहीं है; क्योंकि ‘एनआईए’ने प्रज्ञापर लगे आरोप हटानेको निरस्त करनेके आदेशको उच्च न्यायालयमें चुनौती नहीं दी है ।”

उल्लेखनीय है कि भोपालमें कांग्रेसने दिग्विजय सिंहको अपना प्रत्याशी बनाया है । बीजेपीने मालेगांव विस्फोटमें आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुरको उनके विरुद्घ उतारा है । २००८ में हुए मालेगांव विस्फोटमें एक पीडितके पिताने परिवाद प्रविष्ट कराते हुए साध्वी प्रज्ञाकी उम्मीदवारीको चुनौती दी थी ।

उन्होंने अपनी परिवादमें प्रज्ञा ठाकुरके स्वास्थ्यको लेकर प्रश्न उठाए गए हैं; क्योंकि ‘एनआईए’ न्यायालयने उन्हें स्वास्थ्य कारणोंसे ही प्रतिभूति (जमानत) दी थी । वहीं, साध्वीने एनआईए न्यायालयको अपने उत्तरमें कहा, ‘आवेदन ओछी राजनीतिसे प्रेरित है और परिवादकर्ताको कठोर दण्ड देनेके साथ इसे निरस्त कर दिया जाना चाहिए ।’

“विरोधियोंकोयोंका हिन्दू द्वेष इसी बातसे प्रकट होता है कि अपराधी, लुटेरे, आतंक समर्थक सभी मतदान लड सकते हैं; परन्तु एक महिला जिसपर इतने वर्षोंकी प्रताडनाके पश्चात भी कोई प्रकरण सिद्ध नहीं हुआ है, उसे नहीं लडने देना है ! हिदू विरोधी शक्तियां किसप्रकार प्रत्येक क्षेत्रमें अपना सर्व बल लगा रही है, इससे यह बोध हो रहा है; परन्तु विजय सत्यकी निश्चित है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : नभाटा



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