फरवरी ११, २०१९
अमेरिकामें अब २ सांसद हैं, जोकि हिन्दू हैं और श्रीमद्भगवद्गीता गीताको हाथमें लेकर उन्होंने शपथ ली है, प्रथम है, तुलसी गब्बार्ड, जोकि अमेरिकी मूलकी ही हैं
और दूसरी हैं, मोना दास, जोकि भारतीय मूलकी हैं और उनका भारतके राज्य बिहारसे सम्बन्ध है, मुंगेर जनपदसे सम्बन्ध रखनेवाली मोना दासने अमेरिकामें भारतीय संस्कृतिका मान बढाया है ।
मोना दास अमेरिकाकी राजधानी वाशिंगटनकी सीनेटमें चुनी गई हैं, वो वाशिंगटनकी संसदकी सांसद बनी हैं और उन्होंने सांसद पदकी शपथ भी ली है और विशेष बात यह है कि उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता गीताको हाथमें लेकर सांसद पदकी शपथ ली है !
मोना दासके दादा बिहारमें सिरिल सर्जन थे और वो भागलपुर चिकित्सिय महाविद्यालयमें काम करते थे, इसके अतिरिक्त उन्होंने दरभंगामें भी काम किया था ।
मोना दासने प्रथम बार ही चुनाव लडा था और उन्हें प्रथम बारमें ही सफलता मिल गई और उन्होंने गीताको हाथमें लेकर अपने कर्त्तव्यको करनेकी शपथ ली !
४७ वर्षीय मोनाने २ बारके सांसद जोई फैनको पराजित किया, जो अब सांसदके रूपमें कार्य करेंगी । मोना मात्र ८ माहकी आयुमें अमेरिका चली गई थीं ।
उनके पिताका नाम सुबोध दास है, जोकि एक अभियन्ता (इंजिनियर) है और संत लुइसमें रहते हैं । मोना दास भले ही अमेरिकामें बडी हुई; परन्तु वह सदैव ही भारतीय संस्कृति और सनातन सभ्यतासे जुडी रही और उन्होंने सांसद बननेके पश्चात गीताको सम्मान दिया ।
मोना दासने अपनी विजयके पश्चात यह भी कहा कि उन्हें भारतीय मूलका होनेपर गर्व है और वो अपने पूर्वजोंके स्थान मुंगेर, बिहारमें भी कभी न कभी अवश्य जाएंगीं और पूरा भारत भी घूमेंगी ।
“मोना दास सदृश लोगोंसे हिन्दुओंको अत्यधिक अभिलाषाएं हैं; क्योंकि जहां एक ओर आजके तथाकथित धर्मनिरपेक्षवादी, बुद्धिवादी हिन्दुओंको स्वयंको हिन्दू कहनेमें भी लज्जा आती है, वहीं ये लोग विदेशोंमें बडे होनेके पश्चात भी सनातन संस्कृतिका सिर ऊंचा कर रहे हैं । सभी सनातनियोंको ऐसे हिन्दुओंपर गर्व है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : दैनिक भारत
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