‘कसम खुदाकी खाते हैं, मंदिर वहीं बनाएंगे’के उद्घोषके साथ ३० नवम्बर तक देशभरमें होंगी ‘मुस्लिम मंच’की सभाएं !


नवम्बर १७, २०१८

उच्चतम न्यायालयमें सुनवाईको लेकर राम मंदिर निर्माणको लेकर भिन्न-भिन्न संगठनोंके प्रयासोंके मध्य मुस्लिम राष्ट्रीय मंचने (एमआरएम) मंदिरपर सहमतिका नूतन अभियान आरम्भ किया है । ‘कसम खुदाकी खाते हैं, मंदिर वहीं बनाएंगे’के उद्घोष वाले इस अभियानमें मुस्लिम धर्मगुरुओंके साथ जनसाधारण मुस्लिमको भी राम मंदिरपर मनानेका प्रयास होगा । इस अभियानका आरम्भ शनिवार, १७ नवम्बरको दिल्लीके ‘नेहरू मेमोरियल’से हुआ जो ३० नवम्बर तक पूरे देशमें चलेगा ।

प्रत्येक जनपदमें छोटे-छोटे कार्यक्रम कर मुस्लिम समुदायके लोगोंको राम मंदिरपर पग आगे बढानेके लिए प्रेरित किया जाएगा । इसमें कुरान व हदीसके तथ्योंके साथ मोहम्मद रसूलके भारतको लेकर विचारोंको आगे रखा जाएगा । लोगोंको राम मंदिरको लेकर हिन्दुओंके लगावके अतिरिक्त उनकी उदारतासे भी अवगत कराया जाएगा । जैसे कि अयोध्यामें २४ मस्जिद और तीन मजार अभी भी हैं ! ऐसेमें हिंदू भाइयोंकी भावनाओंको समझना होगा । इसके पश्चात १६ दिसम्बरको दिल्लीमें एक बडा कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें पांच सहस्त्रसे अधिक लोगोंके उपस्थित होनेकी सम्भावना है । बडी संख्यामें हिंदू-मुस्लिम धर्मगुरु भी सम्मिलित होंगे । इसमें मंदिर निर्माणपर सहमति बनाई जाएगी ।

यद्यपि, अभी इसके लिए स्थानका निर्धारण नहीं हुआ है । वैसे, ९ दिसम्बरको ही दिल्लीके रामलीला मैदानमें विश्व हिन्दू परिषदद्वारा राम मंदिरको लेकर धर्मसभाका आयोजन किया गया है, जिसमें ५० सहस्त्रसे अधिक लोगोंके जुटनेकी सम्भावना है । उच्चतम न्यायालयद्वारा राम मंदिरपर सुनवाई जनवरी तक टाले जानेके पश्चात ‘विहिप’द्वारा केंद्र सरकारपर वैधानिक रूपसे निर्माणका दबाव बनाया जा रहा है ।

“मुस्लिम मंचके इस निर्णयके लिए हम उनका अभिनन्दन करते हैं ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : जागरण



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