आंध्रप्रदेशके इन्द्रकीलाद्री मन्दिरमें तामसिक परिधानोंपर प्रतिबन्ध !


दिसम्बर ३१, २०१८

आंध्र प्रदेशके विजयवाडा स्थित इन्द्रकीलाद्री मन्दिरमें एक नूतन नियमकी घोषणा कर दी गई है । इस नियमको नव वर्षपर ही पारित किया जाएगा । इंद्रकीलाद्री मंदिरमें अब श्रद्धालुओंके लिए नूतन वेशभूषा नियम पारित होगा । चाहे वो महिला हो या पुरुष, सभीके लिए ये नियम मान्य होगा ।


मंदिरकी कार्यकारी अधिकारी कोटेश्वरम्माने कहा कि मंगलवार, १ जनवरीसे प्रत्येक श्रद्धालुको मंदिनके इस  नियमका पालन करना होगा । कोटेश्वरम्माने कहा, “ इसका पालन विशेष रूपसे महिलाओंको करना होगा, महिलाओंको साडी, लहंगा या कुछ पारम्परिक पोशाक पहननी होगी ।” यदि मंदिरमें आने वाले किसी श्रद्धालुके पास नियमानुसार वस्त्र नहीं होंगे तो उसकी व्यवस्था भी मंदिर परिसरके बाहर होगी । मंदिर परिसरके बाहर पैसे देकर भी पोशाक क्रय की जा सकेगी ।

कोटेश्वरम्माने बताया, ”जो लोग इस नियमसे अनभिज्ञ होंगे, उन्हें हमारे कर्मी १०० रुपयोंमें अम्मा साडी उपलब्ध कराएगा । हम वस्त्र परिवर्तन कक्षकी भी व्यवस्था कर रहे हैं ।” मंदिरमें जो वस्त्र प्रतिबन्ध किए हैं, उनमें ‘बरमूडा, शॉर्ट्स, मिनी स्कर्ट्स, लो वेस्ट जींस और शॉर्ट-लेंथ टी-शर्ट्स, मिडीज और स्लीवलैस टॉप्स’ सम्मिलित हैं । कहा जा रहा है कि नियमित रूपसे लगभग २५ सहस्र श्रद्धालु मंदिरमें दर्शन करने आते हैं ।

आपको बता दें कि यह कनक दुर्गा मंदिरके नामसे भी जाना जाता है । चूंकि यह मंदिर विजयवाडामें कृष्णा नदीके किनारे इंद्रकीलाद्री पहाडीपर है, इसलिए इसे इंद्रकीलाद्री मंदिर भी कहा जाता है । यह देवी दुर्गाका प्राचीन मंदिर है ।

 

“सनातन परम्पराके अनुसार सात्विक परिधान धारण करनेका यह निर्णय प्रशंसनीय है । सभी देवालय इससे बोध लें व यह नियम पारित करें, जिससे देवालयकी सात्विकता बननेमें सहायता मिलें, क्योंकि बरमूडा आदि तामसिक वस्त्र है तो देवालय समान सत्वगुण स्थानपर धारण नहीं किए जा सकते हैं, यह नियम सभी सनातनियोंने मानना चाहिए ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : पत्रिका



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