प्रश्न : यदि हमारे पितर घरके किसी सदस्यमें प्रकट हो जाए तो हमें क्या करना चाहिए ? – श्री दिनेश जोशी, इन्दौर


उत्तर : यदि घरके किसी भी सदस्यमें पितर हो प्रकट जाए तो निम्न बातोंका ध्यान रखें ।
१. ऐसे पितर जो घरके किसी सदस्यमें प्रकट होते हैं, वे अधिकांशतः झूठ बोलते हैं; अतः उनसे वार्तालाप करना, प्रश्न पूछकर उनका परिचय प्राप्त करनेका प्रयास करना, यह सब न करें, इससे वे पुनः पुनः प्रकट होकर ऐसा करते रहेंगे । सभीका ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करना, यह उन्हें प्रिय होता है और वे जो भी कह रहे हैं, वह सत्य है, यह कोई संत ही बता सकते हैं; अतः उनकी बातोंकी ओर ध्यान न दें ।
२. सामान्यतः अनिष्ट शक्तियोंको गोमूत्रसे कष्ट होता है; अतः यदि कोई पितर प्रकट होते हैं तो उनपर गोमूत्रका छिडकाव करें और उन्हें गोमूत्र पिलाएं (यदि गो-अर्क हो तो जल मिलाकर पिलायें)। यदि वे नहीं पीना चाहते हैं तो उन्हें दो-चार व्यक्ति मिलकर पिलाएं, ऐसा करनेसे अनेक बार पितर तुरंत ही अप्रकट हो जाते हैं ।
३. यदि पितर प्रकट हो गए हों तो सभी उपस्थित व्यक्ति सर्वप्रथम दत्तात्रेय देवतासे अपने लिए प्रार्थना कर कवच मांगे; क्योंकि अनेक बार वे प्रकट होनेके पश्चात् सूक्ष्मसे अत्यधिक प्रमाणमें काली शक्ति प्रक्षेपित करते हैं और इस सूक्ष्म प्रक्रियाको सामान्य व्यक्ति नहीं समझ पाते हैं; इसलिए किसी भी अनिष्ट शक्तिके प्रकट होनेपर अपने कवच हेतु  इसप्रकार  प्रार्थना करें “हे दत्तात्रेय देवता !  इस प्रकट हुए अतृप्त पूर्वजसे जो भी काली शक्ति निकल रही हो, उससे आप ही हमारा रक्षण करें और हमारे चारों ओर अपने शस्त्रसे अभेद्य सुरक्षा कवचका निर्माण करें, हम आपके शरणागत हैं ।”
४. जहां पितर प्रकट हों, वहांसे बच्चोंको एवं जिन्हें अत्यधिक शारीरिक या मानसिक कष्ट हो हटा दें | सभी उपस्थित सदस्य ‘श्री गुरुदेव दत्त’का जप ऊंचे स्वरमें तबतक करें जबतक वह अप्रकट न हो जाए ।
५. यदि वे अपने घरमें स्थान मांगे तो उन्हें स्पष्ट रूपसे मना करें ! उन्हें कहें कि आप साधना करें आपको पितरलोकमें स्थान स्वतः ही प्राप्त हो जाएगा । – तनुजा ठाकुर



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