झारखंडके गिरिडीहमें पथरावके उपरान्त भयभीत हैं हिन्दू, १५० भवन-पण्यशालापर लगे विक्रयके फलक : ‘पुलिस’ने एकपक्षीय कार्यवाहीको किया अस्वीकार


१६ जून, २०२२
      झारखंड राज्यके गिरिडीह जनपदके पचंबामें मुसलमानोंसे क्षुब्ध होकर बहुसंख्यक समुदायके निवासी भयभीत हैं । स्थिति यह है कि उन्होंने अपनी पण्यशाला और भवनपर विक्रयका प्रदर्शनपत्र लगाकर यहांसे भागनेका विचार कर लिया है ।
      झारखंडके गिरिडीहमें पचंबा ‘थाना’ क्षेत्रके हटिया मार्गपर लगभग १५० भवन-पण्यशालापर ‘विक्रय है’के प्रदर्शन पत्र लगे हैं । यह १५० भवन-पण्यशाला हिन्दुओंके बताए जा रहे । प्रतिवेदनके अनुसार, १२ जून २०२२ की रात्रि पथरावकी घटनाके उपरान्त ‘पुलिस’की एकपक्षीय कार्यवाहीने हिन्दुओंको पलायनके लिए विवश किया है । यद्यपि ‘पुलिस’ने इन आरोपोंको अस्वीकार कर दिया है ।
      प्रतिवेदनके अनुसार, १२ जूनको छेडखानीको लेकर दो समुदायोंके मध्य विवाद हुआ था । विवाद बढनेपर ‘पथराव’ आरम्भ हो गया । भारी ‘पुलिस’बलने स्थितिको नियन्त्रित किया था । इसके अगले दिन सोमवार, १३ जून २०२२ को ‘पुलिस’ने २ अवयस्कों सहित कुल ७ को बन्दी बनाकर हजारीबाग अभिरक्षा घर और गिरिडीह कारागृह भेज दिया । इस कार्यवाहीको हिन्दुओंने एकपक्षीय बताकर पलायनकी घोषणा की है ।
       स्थानीय निवासियोंका कहना है कि वह आए दिन होनेवाली छेडछाड, ‘पत्थरबाजी’ और विरोध करनेवालोंपर होनेवाली प्राथमिकीकी घटनाओंसे क्षुब्ध हैं । उन्होंने कहा कि अपराधी प्रसन्नतासे घूम रहे हैं, जबकि पीडित कारागृह भेजे जा रहे हैं । ‘पुलिस’पर एकपक्षीय कार्यवाहीका आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगोंने बुधवार, १५ जून २०२२ को धरना भी दिया । धरनेमें सम्मिलित लोगोंके अनुसार, उन लोगोंपर भी अभियोग प्रविष्ट हो गए हैं, जो पथरावके समय अपनी पण्यशालाओं और भवनोंको बचानेका प्रयास कर रहे थे ।
     जिहादी जहां भी हों वहीं हिन्दुओंका जीना दूभर कर देते हैं; परन्तु ‘गैर’ ‘भाजपा’ शासित राज्य हो तो वहांपर जिहादी और भी निर्भय होकर उत्पात करते हैं । देखनेमें आया है कि गैर ‘भाजपा’ शासित राज्योंमें इनके विरुद्ध कार्यावही भी शीघ्र और यथायोग्य नहीं होती है । ऐसी स्थिति समाप्त हो, इसके लिए हिन्दूराष्ट्र कितना आवश्यक है, यह ध्यानमें आता है । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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