मध्य प्रदेश ‘पुलिस’ अब उर्दू, फारसी आदिके शब्दोंके स्थानपर वैकल्पिक हिन्दी शब्दोंका प्रयोग करेगी
२२ जनवरी, २०२२
मध्य प्रदेशके भोपालमें ‘पुलिस’ने उर्दू, फारसी और अन्य भाषाओंके अहिन्दी शब्दोंके प्रयोगको रोकनेका प्रयत्न प्रारम्भ किया है । राज्यके गृहमन्त्री नरोत्तम मिश्रने गत माह ‘पुलिस’को यह निर्देश दिया था ।
मध्य प्रदेश ‘पुलिस’ मुख्यालयने एक सूचनापत्र प्रकाशितकर राज्यके सभी जनपद ‘पुलिस’ अधिकारियोंको अगले ७ दिवसोंमें अहिन्दी शब्दोंके वैकल्पिक हिन्दी शब्दोंके प्रयोग सम्बन्धी सूचना मुख्यालयको देनेका निर्देश दिया है ।
इसमें कहा गया है, कि ‘पुलिस’के लिए हिन्दी शब्दकोश निर्माण किया जा रहा है । ‘पुलिस’के दैनिक कार्योंमें अन्य भाषाओंके शब्दोंके लिए हिन्दीमें वैकल्पिक शब्दोंका प्रयोग करनेका प्रयास किया जाएगा । यह शब्दकोश २०० से अधिक अहिन्दी शब्दोंके लिए वैकल्पिक हिन्दी शब्द निर्माण करेगा । ‘पुलिस’ कार्यमें इन शब्दोंका प्रयोग नियमित रूपसे होगा । उदाहरणके लिए, ‘हलफ नामा’के स्थानपर ‘शपथ पत्र’ जैसे वैकल्पिक शब्दोंका प्रयोग किया जाएगा ।
मध्य प्रदेश ‘पुलिस’का यह निर्णय अभिनन्दनयोग्य है । देशके प्रत्येक विभागमें स्थानीय भाषाके साथ-साथ हिन्दी भाषाका भी प्रयोग होना चाहिए । यद्यपि भारत मुगलों और अंग्रेजोंकी दासतासे स्वतन्त्र हो चुका है, उसके पश्चात भी भाषाई दासता अभी भी चल रही है, जिसे गम्भीरतापूर्वक परिवर्तित करनेकी आवश्यकता है । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
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