स्वयंको आग लगानेवाले सन्तका उपचारके मध्य निधन, राजस्थान ‘खनन माफिया’के विरुद्ध उठाया था स्वर : गहलोत शासनने नहीं की सुनवाई


२३ जुलाई, २०२२
      राजस्थानके भरतपुर जनपदके पसोपा गांवमें ‘अवैध खनन’पर रोक लगानेमें शासनकी असफलताके विरोधमें आत्मदाह करनेवाले साधु बाबा विजयदासजीकी देहलीके एक चिकित्सालयमें मृत्यु हो गई । उन्होंने २० जुलाईको ‘केरोसिन’ डालकर स्वयंके शरीरमें आग लगा ली थी । २१ जुलाईको उनकी स्थिति स्थिर बताई गई; किन्तु शनिवारकी सवेरे उनकी मृत्यु हो गई । उपमण्डल अधिकारी संजय गोयलके अनुसार, “साधु विजयदासकी चिकित्सालयमें तडके प्राय: २.३० बजे मृत्यु हो गई । उल्लेखनीय है कि आग लगाए जानेके पश्चात उनका उपचार चल रहा था ।”
      बाबा हरिबोलदासजीने प्रायः दस दिन पूर्व घोषणा की थी कि यदि शासनने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया तो वह १९ जुलाईको मुख्यमन्त्री आवासके सामने आत्मदाह कर लेंगे; किन्तु कालान्तरमें उनसे और समयकी मांग कर अधिकारियोंने प्रकरणको आगे बढा दिया ।
      अवैध ‘खनन’के विरोधमें निरन्तर प्रदर्शन कर रहे साधुओंकी सुनवाई नहीं हो रही थी, जिसके पश्चात विरोध स्वरूप बाबा विजयदासने आत्मदाहका प्रयास किया । इस घटनाके पश्चात राज्य शासन चेता और अवैध ‘खनन’का अवसर राष्ट्रीय स्तरपर ‘हाई लाइट’ हो सका ।
        यह सर्वविदित है कि राजस्थानका कांग्रेस शासन, हिन्दू विरोधी और भ्रष्ट है, ऐसे शासन और ऐसे दलका विरोध आवश्यक है । उक्त आत्मदाहको हत्या माना जाना चाहिए और उत्तरदायी अधिकारियोंके विरुद्ध प्रकरण प्रविष्ट होना चाहिए । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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