धर्मान्तरणपर शासनकी निद्रा टूटी, गृहमन्त्रीने कहा कि सामूहिक धर्म परिवर्तन सहनीय नहीं !


जनवरी १५, २०१९

केन्द्रीय गृह मन्त्री राजनाथ सिंहने सामूहिक धर्मान्तरणपर संदेश देते हुए कहा कि वह किसी भी धर्मके अनुसरणकी स्वतन्त्रताका समर्थन करते हैं; परन्तु सामूहिक धर्मान्तरणकी अनुमति नहीं दी जा सकती । उन्‍होंने दो टूक कहा कि कोई व्‍यक्तिगत रूपसे किसी धर्मको स्‍वीकार कर सकता है; परन्तु व्‍यापक रूपसे धर्म चिंताकी बात है और इसपर वार्ता आवश्यक है ।

वह मंगलवारको ईसाई संगठनके कार्यक्रममें बोल रहे थे । उन्‍होंने कहा, “यदि कोई किसी धर्म विशेषको व्‍यक्तिगत रूपसे स्‍वीकार करता है तो इसपर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए; परन्तु व्‍यापक स्तरपर धर्मान्तरण किसी भी देशके लिए चिंता की बात है । यदि आप हिन्‍दू हैं तो हिन्‍दू रहें, मुस्मिल हैं तो मुस्लिम रहें, ईसाई हैं तो ईसाई रहें । आप पूरी विश्वको क्‍यों परिवर्तित कर देना चाहते हैं ?”


धर्मान्तरणके विरुद्ध कडा संदेश देते हुए मन्त्रीने कहा कि ब्रिटेन और अमेरिका सहित कई देशोंमें अल्पसंख्यक समुदायके लोग धर्मान्तरण विरोधी विधान बनानेकी मांग करते हैं; परन्तु यहां (भारत) बहुसंख्यक समाजके लोग इसकी मांग कर रहे हैं, यह चिंताकी बात है ।

उन्होंने यह विश्वास दिलानेका भी प्रयास किया कि बीजेपी धार्मिक आधारपर किसीके साथ कोई भेदभाव नहीं करेगी । उन्‍होंने आरोप लगाया कि बीजेपीको लेकर लोगोंके मनमें भयकी भावना भरनेका प्रयास किया जा रहा है ।

गृह मंत्रीने कहा कि गत दिवसोंमें गिरिजाघरोंपर पत्थर फेंके गए । कुछ पादरी मेरे पास आए और सुरक्षा मांगी । मैंने उन्हें विश्वास दिलाया कि इसमें सम्मिलित सभी लोगोंको दंडित किया जाएगा; परन्तु विधानसभा मतदानसे एक माह पूर्व पथराव आरम्भ हुआ और इसके एक माह पश्चात रुक गया । इस पर आप क्या कहेंगें ? यह किसका षडयन्त्र है ?

 

“राजनाथजीका वक्तव्य अभिनन्दन योग्य है; परन्तु ईश्वरने उन्हें धर्मरक्षण हेतु सबल बनाया है, उन्हें अधिकार दिए है, तो उस अधिकारका सदुपयोगकर क्यों नहीं कार्यवाही की जा रही ? निस्सन्देह शासनने तथाकथित एनजीओको विदेशोंसे आनेवाले धनपर कुछ प्रतिबन्ध लगाकर इस दिशामें कुछ कार्य अवश्य किया है; परन्तु वह पर्याप्त नहीं है । आजभी धर्मान्तरण उसी तीव्रतासे हो रहा है ! यह जानते हुए कि ईसाई मिशनरियां देशके लिए संकट बनती जा रही है, तदोपरान्त भी कार्यवाही न करना क्या यह केवल इच्छाशक्ति, राष्ट्रप्रेमका अभाव नहीं ? क्या केवल हिन्दुवादियोंने केवल इसलिए मतदान किया था कि गृहमन्त्री शासनके ५ वर्ष पूर्ण होनेपर तुष्टिकरणयुक्त विरोध करेंगें ? भाजपा इसकी समीक्षा करें व विचार करें !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

स्रोत : टाइम्सनाउ न्यूज



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