‘गोबर खा लेते तो जीत जाते’ ब्रिटेनमें ऋषि सुनककी पराजयसे भारतके वामपन्थियोंमें प्रशंसा, हिन्दू धर्मका भी किया उपहास
६ सितम्बर, २०२२
ब्रिटेनके प्रधानमन्त्री चुनावोंमें भारतीय मूलके ऋषि सुनक जैसे ही पराजित हुए भारतके वामपन्थी और कट्टरपथी गुटोंमें प्रसन्नताकी लहर दौड गई । ‘ट्विटर’पर उनके विरुद्ध अनेक वक्तव्य लिखे गए एवं इसी क्रममें हिन्दू धर्म व गोमाताका भी उपहास किया गया । किसीने ऋषिको इसलिए भी कोसा; क्योंकि वह स्वयं हिन्दू दिखाकर मन्दिर जा रहे थे और वहां वह गोपूजनका नाटक कर रहे थे । ऋषि सुनककी पराजयके पश्चात उनके छायाचित्रको ब्रिटेनमें किए गए गोपूजनके साथ साझा किया गया और पराजयका कारण यही बताया जा रहा है । वहीं छद्म समाचारको प्रसारित करनेवाले कुख्यात ‘हिन्दूफोबिक’ अशोक स्वेनने इस ‘वीडियो’को साझा करते हुए कहा, “इन हथकण्डोंके पश्चात भी ऋषि सुनकको लिज ट्रेसने पराजित कर दिया और ब्रिटेनकी नवीन प्रधानमन्त्री बन गई । जिम्मी खान नामक जिहादीने लिखा, “यह अवश्य दुखी होगा । थोडा गोमूत्र पी लेना चाहिए था तो कदाचित प्रधानमन्त्री बन जाता ।”
वहीं उनके मन्दिर जाने व गोपूजन करनेको लेकर भी उनकी आलोचना की गई ।
इंग्लैंडके लोगोंने भारतीय मूलके ब्रिटिश नागरिकको नहीं चुना, इसके लिए भारतके वामपन्थियोंकी प्रसन्नता, वस्तुतः उनकी भारत व हिन्दुओंके प्रति घृणाका प्रकटीकरण मात्र है । वामपन्थियोंके प्रति हिन्दुओंको कैसा दृष्टिकोण रखना चाहिए ? यह हिन्दुओंको सोचना होगा । – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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