सद्गुरुकी प्रथम दृष्टिसे ही शिष्य मुक्त हो जाता है |
सद्गुरुकी प्रथम दृष्टिसे ही शिष्य मुक्त हो जाता है। सद्गुरु कहते हैं “तुम्हें इसका बोध नहीं हो रहा है क्योंकि तुम्हारी आत्माके ऊपर मन, बुद्धि और अहमका आवरण है। साधना कर इन तीनों आवरणको नष्ट करो तुझे आत्मसाक्षात्कार हो जाएगा”-तनुजा ठाकुर
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