कुछ गुरुभक्त हमसे सूक्ष्म इन्द्रियोंकी प्रक्रिया सीखनेकी इच्छा दर्शाते हैं, यदि आपको ज्ञात है कि आपके गुरु आत्मज्ञानी हैं तो आप उनकी बताई साधना करें, आपकी सूक्ष्म इन्द्रियां स्वतः ही जागृत हो जाएंगी और यदि वह नहीं हो रही है तो आपके प्रयासोंमें कमी है; अतः उसे बढाएं । कोई भी सक्षम गुरु अपने शिष्यकी सूक्ष्म इन्द्रियोंको जागृत करनेकी क्षमता रखते ही हैं । सक्षम शब्दका प्रयोग इसलिए कर रही हूं, क्योंकि कलियुगमें अनेक गुरु कहलानेवाले व्यक्ति गुरु पदके अधिकारी नहीं होते हैं !
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