आर्य वैदिक सनातन हिन्दू धर्मकी विशेषताएं (भाग – ३)


वैदिक सनातन धर्ममें अध्यात्म और साधनाका कोई अन्त नहीं, ध्यानस्थ शिव हमें यही सीख देते हैं । विश्वके सभी पंथोंका अध्यात्म स्वर्ग लोकपर आकर समाप्त हो जाता है ! वैदिक सनातन धर्ममें सप्त उच्च लोकका (भू, भुव, स्वर्ग, मह:, जन, तप और सत्य लोकका) उल्लेख है; किन्तु इन सप्त लोकोंमें ही अध्यात्मका अन्त नहीं होता है, इसे आगे शून्य, महाशून्य, महा महाशून्य… जैसे उत्तरोत्तर लोक हैं अर्थात सनातन धर्मके अध्यात्मका न कोई आदि है, न अन्त, ध्यानस्थ शिव और शेषशायी परम शैव, विष्णुजी साधनाकर हमें यही बताते हैं !



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