सन्त वाणी


गंगाजी प्राणीके पाप नष्ट करती हैं, चन्द्रमा प्राणीके तापको और कल्पतरु व्यक्तिकी दरिद्रताका नाश करता है; परन्तु श्रीगुरुकी एक पल भरकी दृष्टि भी प्राणीके पाप, ताप व दरिद्रताको हर लेती है – नरसिंह सरस्वती महाराज


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