शिवसेनाने कहा, ‘तीन तलाक’की भांति राम मन्दिरपर भी लाया जाए अध्यादेश


सितम्बर २०, २०१८

शिवसेनाने एक बारमें ‘तीन तलाक’ देनेपर प्रतिबन्ध लगानेके लिए केन्द्र सरकारके अध्यादेश लानेके निर्णयका स्वागत किया है । शिवसेनाने गुरुवारको सरकार से अयोध्यामें राम मन्दिर निर्माणके लिए भी यही मार्ग अपनाने और अध्यादेश लानेके लिए कहा ।

शिवसेनाने कहा कि सरकारको देशके हिन्दुओंकी भावनाओंका ध्यान रखते हुए उनसे किए गए वचनोंमें ‘कम से कम’ एकको पूर्ण करनेके लिए पग उठाना चाहिए । शिवसेनाने अपने मुखपत्र ‘सामना’में कहा, “सरकारने एक बारमें ‘तीन तलाक’ देनेको अपराध बनाकर मुस्लिम महिलाओंके जीवनमें स्वतन्त्रताकी सुबह सुनिश्चित की है । अब अयोध्यामें राम मन्दिर निर्माणका शंखनाद कर सत्ताधीशोंको देखना चाहिए कि देशके हिन्दुओंकी जनभावनाका भी सूर्योदय हो । राम मन्दिरपर अध्यादेश लाएं और हिन्दुओंसे किया गया ‘कम से कम’ एक वचन पूरा करें !

पहले गठबन्धनकी राजनीतिकी विवशताओंके कारण समान नागरिक कानून, जम्मू कश्मीरको विशेष दर्जा देने वाले ‘अनुच्छेद ३७०’को हटाने और राम मन्दिर निर्माण जैसे वचन पूर्ण नहीं किए जा सके थे; लेकिन अब केन्द्र और उत्तर प्रदेशमें आपकी पूर्ण बहुमतकी सरकारें हैं, फिर भी प्रभु श्रीरामका वनवास क्यों समाप्त नहीं हो रहा ? न्यायालय जब निर्णय देगा तब देगा; लेकिन सरकारको हिन्दुओंकी भावनाओंसे जुडे प्रकरणका हल निकाला चाहिए ।

एक ओर शिवसेनाने जहां एक साथ तीन तलाक देनेपर लाए गए अध्यादेशका स्वागत किया, वहीं आश्चर्य भी जताया कि उन मुसलमानोंमें इस पगको कितना स्वीकार किया जाएगा, जिनकी आंखोंपर धर्मकी पट्टी पडी हुई है और वे कट्टर हैं !

 

“अन्य किसी दलमें साहस नही, परन्तु शिवसेनाका यह वक्तव्य सराहनीय है । शासन त्वरित राममन्दिरपर अध्यादेश लाए और निर्मिण करें !” – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : आजतक



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