सूरतमें मन्दिरों-घरकी छतपर ध्वनि-विस्तारक, प्रातः एवं सन्ध्या हनुमान चालीसा, शनिवारको सत्संग भी, धर्मके लिए हिन्दू हुए एकजुट


२० अक्टूबर, २०२१
 सूरतके मन्दिरोंमें हनुमान चालीसाको ध्वनि-विस्तारकपर बजाते हुए ८ माह हो गए हैं । इसका आरम्भ सूरतके सोनी फलियासे हुआ, जहां देसाईनी पोल स्थित है । वहां श्रीसाईनाथ युवक मण्डल नामक एक युवा सङ्गठनने हनुमान चालीसाका पाठ दिनमें दो बार ध्वनि-विस्तारकपर करनेका निर्णय लिया था । कालान्तरमें इससे एक पवित्र और धार्मिक वातावरण क्षेत्रमें बनता गया।
 यहां ये आवश्यक नहीं है कि मात्र मन्दिरोंपर ही ध्वनि-विस्तारक हो । कुछ स्थानीय लोगोंने अपने घरकी छतोंपर भी हनुमान चालीसा बजानेके लिए ध्वनि-विस्तारकको स्थान दिया है । समय निर्धारित है, प्रातः और सन्ध्या । प्रतिदिन आरतीके समय हनुमान चालीसा बजती है ।
 स्थानीय लोगोंका कहना कि अन्य पन्थके व्यक्ति अपने प्रार्थना समयमें ध्वनि-विस्तारकका प्रयोग करते हैं और किसी भी उठनेवाली आपत्तिका परिहास बनाकर, उसे नीचा दिखाया जाता है । वहीं, हिन्दू कठिनतासे अपने धार्मिक अभिज्ञानका प्रदर्शन करते हैं; क्योंकि भारतमें उनको सिखाया जाता है कि इसे छुपाएं, जिससे तथाकथित धर्मनिरपेक्षता जीवित रहे ।
    सूरतके हिन्दुओंका यह कृत्य स्वागतयोग्य है । उनके इस पगसे प्रतीत होता है कि हिन्दुओंने कहींसे तो जागनेका प्रयास किया है । जिहादीयोंको और ‘वोट बैंक’की रजनीति करनेवाले राजनीतिक दलोंको यह अप्रत्यक्ष सन्देश ही होगा कि अब धर्मनिरपेक्षताके नामपर हिन्दुओंको मानसिक स्तरपर अधिक समयतक परतन्त्र नहीं रख सकते । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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