पोलैंडमें पुस्तकालयकी भीतपर (दीवारपर) उकेरे गए उपनिषदके छन्द 


०६ अगस्त, २०२१
       पोलैंडके पुस्तकालयकी भीतपर उकेरे गए उपनिषदके छन्दोंका एक चित्र ‘सोशल मीडिया’पर तीव्रतासे प्रसारित हो रहा है । यह चित्र पोलैंडके भारतीय दूतावासके आधिकारिक ‘ट्विटर हैंडल’से ‘ट्वीट’ किया गया है, जो अत्याधिक चर्चामें हैं । ‘ट्वीट’में लिखा गया है, ”यह कितना सुखद दृश्य है । यह ‘वॉरसॉ’ विश्वविद्यालयकी पुस्तकालयकी भीतें हैं, जहां उपनिषदके छन्द उकेरे गए हैं । उपनिषद हिन्दू दर्शनके वैदिक संस्कृतके मूलपाठ हैं, जो हिन्दू धर्मका आधार हैं ।”
      बताया जा रहा है कि यह चित्र ९ जुलाई २०२१ का है ।  चित्र ‘सोशल मीडिया’पर सार्वजनिक होनेके पश्चात ‘देसी नेटिजन्स’ गर्व अनुभव कर रहे हैं । एक ‘यूजर’ने कहा, “अद्भुत है भारतीय संस्कृतिको किस प्रकार लोग अपना रहे हैं, ये उसका उदाहरण है ।” समूचे विश्वने हिन्दू दर्शनको मान्यता देना आरम्भ कर दिया है ।
      विद्वानोंने उपनिषद शब्दकी व्युत्पत्ति ‘उप+ नि+षद’के रूपमें स्वीकार की है । इसका अर्थ है जो ज्ञान विशिष्ट तथा सम्पूर्ण हो, वह निश्चित ही उपनिषद कहलाता है । उपनिषदोंकी भाषा संस्कृत है तथा ये गद्य-पद्य दोनोंमें हैं । इनकों वेदान्त भी कहा गया है; क्योंकि ये वेदोंके अन्तिम भाग हैं ।
     विदेशोंमें जहां हिन्दू धर्मग्रन्थोंको इतना सम्मान दिया जा रहा है, लोग प्रत्यक्ष रूपसे इसपर चर्चा और इसका स्वागत कर रहे हैं, इससे यह स्पष्ट है कि सनातन धर्मही शाश्वत धर्म है, जो विभिन्न देशों और समुदायोंको अपनी ओर आकर्षित और एकत्रित करता आया है । भारतके लोग भी यह समय रहते समझ लें कि आगामी काल हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनाका होगा और जो अपनी सर्वाङ्गीण प्रगति चाहता है, उसे अभीसे सतत प्रयास आरम्भ करने चाहिए । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


सूचना: समाचार / आलेखमें उद्धृत स्रोत यूआरऍल केवल समाचार / लेख प्रकाशित होनेकी तारीखपर वैध हो सकता है। उनमेंसे ज्यादातर एक दिनसे कुछ महीने पश्चात अमान्य हो सकते हैं जब कोई URL काम करनेमें विफल रहता है, तो आप स्रोत वेबसाइटके शीर्ष स्तरपर जा सकते हैं और समाचार / लेखकी खोज कर सकते हैं।

अस्वीकरण: प्रकाशित समाचार / लेख विभिन्न स्रोतोंसे एकत्र किए जाते हैं और समाचार / आलेखकी जिम्मेदारी स्रोतपर ही निर्भर होते हैं। वैदिक उपासना पीठ या इसकी वेबसाइट किसी भी तरहसे जुड़ी नहीं है और न ही यहां प्रस्तुत समाचार / लेख सामग्रीके लिए जिम्मेदार है। इस लेखमें व्यक्त राय लेखक लेखकोंकी राय है लेखकद्वारा दी गई सूचना, तथ्यों या राय, वैदिक उपासना पीठके विचारोंको प्रतिबिंबित नहीं करती है, इसके लिए वैदिक उपासना पीठ जिम्मेदार या उत्तरदायी नहीं है। लेखक इस लेखमें किसी भी जानकारीकी सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता और वैधताके लिए उत्तरदायी है।

विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution