उपासनाके आश्रमका निर्माण कार्य आरम्भ होनेके पश्चात मैंने पाया कि यहां सभी श्रमिक एवं मिस्त्री वर्ग अमावस्याको छुट्टी करते हैं, जब मैंने उनसे पूछा आपलोग ऐसा क्यों करते हैं ? तो उनके पास कोई उत्तर नहीं था | वे मात्र इतना ही कह पाते हैं कि हमारे बडे ऐसा करते थे; इसलिए हम भी ऐसा करते हैं ! वस्तुत: अमावस्याके दिवस अनिष्ट शक्तियोंका तत्त्व अधिक क्रियाशील रहता है ऐसेमें अपघात होनेकी संभावना अधिक होती है; इसलिए इस दिवस वे कार्य नहीं करते हैं ! यह मैंने प्रथम बार ही देखा किन्तु भारतके प्रत्येक क्षेत्रमें ऐसी बहुत सी बातें लोग करते हैं जिसका कारण आध्यात्मिक होता है; किन्तु धर्मशिक्षणके अभावके कारण वे उसका कारण नहीं जानते हैं ! जैसे हमारे पिताजी भी अमावस्याको कोई भी शुभ कार्य हेतु यात्रा नहीं करते थे और न ही करने देते थे ! मैं उस समय इसका कारण नहीं समझ पायी, कारण पूछनेपर मात्र इतना ही उत्तर मिला कि अशुभ कालमें यात्रा करनेसे यात्राके मध्य कुछ भी अशुभ घटित हो सकता है या कार्यमें सफलता नहीं मिल सकती है ! किन्तु अब मुझे इसका कारण ज्ञात हो रहा है !
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