धर्मान्तरण करवानेके आरोपमें पादरियोंकी जमकर पिटाई, ७ बन्दी बनाए गए


नवम्बर १, २०१८

उत्तर प्रदेशके आगरामें मंगलवार, ३० अक्तूबरको कुछ हिन्दूवादी कार्यकर्ताओंद्वारा ७ पादरियोंपर धर्मान्तरणका आरोप लगाते हुए उनकी पिटाई करनेका प्रकरण सामने आया था, जिसके पश्चात् पुलिसने दो सम्प्रदायोंके मध्य शत्रुताको बढावा देनेके आरोपमें पादरियोंको ही बन्दी कर लिया था । यद्यपि देर शाम उन्हें निजी बॉण्ड पर मुक्त कर दिया गया था ! अब इस घटनाके एक दिवस पश्चात् पादरियोंने उनके साथ मारपीट करने वाले हिन्दूवादी कार्यकर्ताओंके विरुद्घ पुलिसमें परिवाद प्रविष्ट कराई है । एक पादरी रवि कुमारने अपनी परिवादमें दावा किया है कि उन्होंने उन पर अनुचित दोषारोपण करते हुए उनकी पिटाई की । इसके साथ ही आरोपियोंने उनके वस्त्र फाड दिए और उनके संगीत यन्त्र तोड दिए ।

इस प्रकरणका आरम्भ तब हुआ जब पादरियोंने मंगलवार, ३० अक्तूबरको आगराके भोजनालय (होटल) समोबरमें एक बैठक बुलाई । पादरी रवि कुमारका कहना है कि उन्होंने यह बैठक क्रिसमसकी तैयारियोंके प्रकरणमें बुलाई थी । बैठकके समय कई महिलाएं और बच्चे भी थे । पादरियोंका आरोप है कि इसी मध्य विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दलके कार्यकर्ता बलात् भोजनालयमें पहुंच गए और हिन्दुओंके धर्मान्तरणका आरोप लगाते हुए अपशब्द बोलने आरम्भ कर दिए । पादरियोंका कहना है कि आरोपियोंने उन्हें हॉकी डंडोसे पीटा । इसमें ३ लोग चोटिल हो गए । जिस भोजनालयमें यह घटना हुई, उसके संचालक तेजवीर सिंहका भी कहना है कि ‘धर्मान्तरणकी बात अनुचित है । मुझे इस बातकी कोई जानकारी नहीं है कि वे यहां कैसे पहुंचे !’

परिवाद मिलनेकी पुष्टि करते हुए ताजगंज पुलिस स्टेशनके एसएचओ विनोद कुमारने बताया कि ‘रवि कुमारने हिन्दूवादी संगठनोंके कार्यकर्ताओंके विरुद्घ प्राथमिकी प्रविष्ट कराई है । प्राथमिकीमें ८ लोगोंका नाम और १५ अज्ञात लोग है । पुलिसने भारतीय दण्ड संहिताकी (आईपीसीकी) धारा ३५२, ३२३ और ४२७ के अन्तर्गत प्रकरण प्रविष्ट किया है । यद्यपि अभी तक इसमें किसीको भी बन्दी नहीं बनाया गया है ।’ वहीं दूसरी ओर विश्व हिन्दू परिषदके ब्रज उपाध्यक्ष सुनील पाराशरका कहना है कि विहिप और बजरंग दलके स्थानीय कार्यकर्ता वहां केवल पुष्टिके लिए गए थे । इस मध्य कार्यकर्ताओंने बैठकका मुद्रण (रिकॉर्डिंग) करनेका प्रयास किया तो बैठकमें लोगोंने उनपर आक्रमण कर दिया !

 

“निर्धन हिन्दुओंको अपने जालमें फसाकर धर्मान्तरण करने वाले, धर्माच्युत कर स्वयं पापके भागी बन उन्हें महापापकी अग्निमें झोंकने वाले, धर्मके नामपर राष्ट्रीय सुरक्षाके लिए संकट व राष्ट्रको खोखला करने वाले ऐसे पादरियोंको प्रशासन कठोरसे कठोर दण्ड दे, ऐसी सभी राष्ट्रवादियोंकी शासनसे अपेक्षा है ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ 

 

स्रोत : जनसत्ता



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