आनेवाले काल (२०१४-२०१९) में जिस भी राजनैतिक पक्षने हिंदुत्वका साथ नहीं दिया चाहे वह धर्मनिरपेक्ष हों या अपनेको हिंदुत्ववादी होनेका ढोल ही क्यों न पीटते हों (परंतु आंतरिक रूपसे अहिन्दुओंकी तुष्टीकरण करते हों) उनका अस्तित्त्व समाप्त होनेकी ईश्वरीय विधान अनुसार उल्टी गिनती आरंभ हो गयी है ! अतः हिंदुओं अब भी समय है हिंदुत्वका खुलकर पक्ष लेनेवाले कर्तव्यनिष्ठ, धर्मनिष्ठ सात्त्विक राज्यकर्ताओंका साथ दें, अन्यथा ‘तक्षकाय स्वाहा इंद्राय स्वाहा’ के सिद्धांत अंतर्गत धर्मद्रोही और राष्ट्रद्रोही राज्यकर्ताओंके साथ उनके मूक सहमतीदारों भी कालके ग्रास बनेंगे वैसे ही जैसे दुर्योधनका साथ देनेवाले अनेक महारथी – भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य इत्यादि मृत्युको प्राप्त हुए थे !! मेरे इस विचारको राजनीतिसे ओत-प्रोत न मानें, मैं ईश्वरनिष्ठ हूं, राजनीति करना और उसमें लिप्त होना मेरा धर्म नहीं ! मैं तो मात्र आप तक ईश्वरीय और संतोंके आदेश पहुंचानेका एक निमित्त मात्र हूं जिससे निकट भविष्यमें जब मृत्यु नंगा नाच करेगी तब आप यह न कहें कि जब आपको भविष्य ज्ञात था तो आपने हमें सतर्क क्यों नहीं किया ! -तनुजा ठाकुर (१.८.२०१३)
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