अलीगढ़: अलीगढ़ मेयर के एक बयान से नया विवाद पैदा हो गया है. मोहम्मद फुरकान ने कहा किया कि उन्हें राष्ट्रगान याद नहीं है. हालांकि वह इसका सम्मान करते हैं. एक प्रेस वार्ता के दौरान राष्ट्रगान गाने की मांग पर बीएसपी नेता ने यह सफाई दी. उन्होंने यह भी कहा कि आप ऐसे सवाल क्यों पूछे जा रहे हैं? मुझे राष्ट्रगान पूरी तरह से याद नहीं है, लेकिन मैं इसका सम्मान करता हूं.
अलीगढ़ के मेयर का शपथ ग्रहण समारोह भी खासा विवादों में रहा था, इसमें बीएसपी के पार्षद ने उर्दू में शपथ ली थी. बाद में इस घटना पर बीजेपी और बीएसपी कार्यकर्ताओं के बीच विवाद भी हुआ था. बीएसपी नेता फुरकान अलीगढ़ के पहले मुस्लिम मेयर हैं. उन्होंने बीजेपी के राजीव अग्रवाल को 11,990 वोटों से हराया था. वैसे तो अलीगढ़ बीजेपी का गढ़ माना जाता है लेकिन मेयर चुनाव में उसे 1995 के बाद पहली बार 2017 में हार का सामना करना पड़ा.
मेरठ नगर निगम में भी कुछ इसी तरह का विवाद
पिछले महीने, मेरठ नगर निगम में भी कुछ इसी तरह का विवाद सामने आया था. मेयर के शपथ ग्रहण समारोह कार्यक्रम के दौरान वंदेमातरम गाने को लेकर खासा हंगामा हुआ था. नवनिर्वाचित मेयर सुनीता वर्मा ने बयान देते हुए कहा था कि बोर्ड की मीटिंग के पहले वंदेमातरम नहीं गाया जाएगा.
महापौर सुनीता वर्मा ने कामकाज संभालते ही पूर्ववर्ती भाजपा मेयर के इस फैसलो को बदला था जिस पर खासा विवाद हुआ था. दरअसल मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक में राष्ट्रगीत वंदेमातरम के गान को लेकर अक्सर भाजपा के महापौर-पार्षदों और बसपा, सपा आदि दलों के मुस्लिम पार्षदों में अक्सर टकराव की स्थिति बनती थी. इसी साल मार्च में भाजपा के महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने एक बोर्ड बैठक में वंदे मातरम नहीं गाने वाले पार्षदों की सदस्यता खत्म करने की चेतावनी देते हुए सदन में प्रस्ताव भी पास करा दिया था.
गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी ने निकाय चुनाव में सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका देते हुए मेरठ नगर निगम की सीट भाजपा से छीन ली थी. मेरठ नगर निगम के महापौर पद पर बसपा की सुनीता वर्मा ने कब्जा जमाया था. सुनीता ने भाजपा की कांता कर्दम को करीब 25 हजार वोट से हराया था. सुनीता वर्मा के पति पूर्व विधायक योगेश वर्मा हैं.
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