मोदी राज में निशाने पर हैं RSS कार्यकर्ता


विश्व के सबसे बड़े संगठन RSS के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है। एक के बाद एक RSS के कार्यकर्ताओं को निशाने पर लिया जा रहा है। हद तो यह है कि अब तक किसी भी कार्यकर्ता के हत्यारे को सजा नहीं मिल सकी है। पहले केरल, फिर लुधियाना उसके बाद यूपी के गाजीपुर में कार्यकर्ता को गोली मार दी गई। अगर ऐसा ही रहा तो कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट सकता है। सूत्रों की माने तो RSS प्रमुख जल्द ही इस पर पीएम मोदी से बात कर सकते हैं।
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केरल ई राजेश
पहली वारदात केरल के तिरुअनंतपुरम के श्रीकरियम इलाके में 29 जुलाई की रात कुछ गुंडों ने RSS  कार्यकर्ता राजेश पर हमला कर दिया था। हमलावरों ने उसका बायां हाथ काट दिया। इसके बाद राजेश को केएमएस अस्पताल पहुंचाया गया जहां इलाज की दौरान उसकी मौत हो गई। बीजेपी का आरोप है कि हमलावर सीपीआई (एम) से संबद्ध हैं। हत्या के आरोप में प़लिस आधा दर्जन लोगों को  गिरफ्तार कर पूछ ताछ शुरू कर दी है।

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लृधियाना रविंद्र गोसाई 
केरल का विवाद अभी थमा नहीं था कि लुधियाना में 17 अक्टूबर को बीजेपी नेता व RSS  कार्यकर्ता रविंद्र गोसाई की हत्या शहर के बस्ती जोधेवाल क्षेत्र की गगनदीप कॉलोनी में कर दी गई। वह सुबह RSS की शाखा से आने के बाद कैलाशनगर रोड स्थित अपने घर के गेट पर खड़े थे कि उसी वक्त बाइक पर आए दो हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोसाई पर गोलियां बरसाई और फरार हो गए। दोनों हमलावरों ने अपने चेहरों पर कपड़ा बांध रखा था। गोलियों की आवाज सुनकर परिवार और आसपास के लोग दौड़े। वे जब तक उन्‍हें संभालते उनकी मौत हो गई। इस मामले की पंजाब सरकार ने एनआइए को सौंप दी है।

गाजीपुर राजेश मिश्रा
पूर्वी यूपी के गाजीपुर में RSS  के ब्लॉक प्रभारी और पत्रकार राजेश मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। राजेश मिश्रा को बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारी। ये घटना शनिवार सुबह सात बजे की है। जब बाइक सवार बदमाशों ने राजेश मिश्रा को थाना करंडा के ब्राम्हण पूरा गांव में एक दुकान पर गोली मार दी। उन्हें बचाने की कोशिश में उनके छोटे भाई अमितेश को भी गोली लगी। जिन्हें गंभीर हालत में इलाज के लिए वाराणसी ले जाया गया है। इस घटना के बाद कानून व्यवस्था नहीं संभलने को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार निशाने पर आ गई है। राजेश के भाई गप्पू मिश्रा का कहना है कि घटना सुबह सात बजे हुई थी और घटना के एक घंटे बाद भी पुलिस का कोई जिम्मेदार अधिकारी घटनास्थल या जिला अस्पताल नहीं पहुंचा। उनका कहना है कि इतना ही नहीं राजेश जिस पार्टी भारतीय जनता पार्टी और RSS के लिए काम करता थे उस पार्टी के एक अदना सा कार्यकर्ता भी घटनास्थल या जिला अस्पताल में नहीं आया। कहा जा रहा है कि RSS ब्लाक प्रमुख राजेश ने खनन माफिआयों के बारें में खबर प्रकाशित की थी। जिसके बाद उनसे खनन माफिया से विवाद चल रहा था।

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छोटे भाई अमितेश



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