आतंकी मरते हैं तो मानवाधिकार, सैनिकों की मौत पर ख़ामोशी


गोरखपुर। अपने उग्र बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहने वाले भाजपा सांसद और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने सिमी आतंकियों के एनकाउंटर पर सवाल उठाने वालों पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों के जवानों एवं नागरिकों के लिए कोई मानवाधिकार की बात नहीं करता और जब एक आतंकी मरते हैं तो मानवाधिकार का हनन होता है।

योगी आदित्यनाथ बोले,सिमी का समर्थन करने वाले अतीत को भूल रहे है 

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जेल से फरार आतंकियों की पैरवी करना शर्मनाक है। आतंकियों की मुठभेड पर प्रश्न उठाना और समाज विरोधी एवं राष्ट्र विरोधी कृत्यों में लिप्त तत्वों के लिए मानवाधिकार की बात करना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि  देश के हजारों बेगुनाह आतंकियों और देशद्रोहियों की भेंट चढ़ चुके हैं। सिमी देश का प्रतिबंधित संगठन है, सर्वोच्च न्यायालय भी इससे देश के लिए खतरा बताया था। जो आठ आतंकी मारे गए उनपर बेगुनाहों के खून का इल्जाम है। सिमी के आतंकवादियों की पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर प्रश्न उठाना आतंकवाद के खिलाफ देश की लड़ाई को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा है। सेक्युलररिज्म के नाम पर हो रही ऐसी बयानबाजी पर सख्ती से रोक लगनी चाहिये।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूरी दुनिया आतंकवाद से कराह रही है। हिंदुस्तान दुनिया में आतंकवाद, उग्रवाद एवं अलगाववाद से सर्वाधिक प्रभावित देशों में से एक है। अगर आतंकियों से सख्ती से न निपटा गया तो यह और खतरा बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि सिमी प्रतिबन्धित आतंकी संगठन है। सिमी का समर्थन करने वाले अतीत को भूल रहे है। सिमी और हूजी जैसे आतंकी संगठन पूरे देश में साजिश रच कर दर्जनों जगहों पर बम विस्फोट करा चुके हैं।

सैकड़ों जिंदगियां तबाह हो चुकी है। न जाने कितने मासूम अनाथ हो गए। आतंकवाद, अलगाववाद एवं नक्सलवाद की चपेट में सुरक्षाबलों के जवान और तमाम निर्दोष नागरिक लगातार आ रहे हैं। उन सुरक्षाबलों के जवानों एवं नागरिकों के लिए कोई मानवाधिकार की बात नहीं कर रहा। उन्होंने कहा कि उनको न्याय दिलाने के लिए आगे आना चाहिए था। न की आतंकियों की पर्वी करनी चाहिए।

सौजन्यसे : https://puridunia.com



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