जून १३, २०१९
केरलके वर्तमान शासनने अबतक ११९ पर सामाजिक प्रसार माध्यमपर (सोशल मीडियापर) मुख्यमन्त्रीके विरुद्ध आपत्तिजनक लेखके लिए अभियोग प्रविष्ट किया है । केरलके वर्तमान शासनने मई २०१६ में कार्यभार संभाला था ।
बता दें कि गत दिवसोंमें फेसबुक और ट्विटरपर शासन विरोधी लेखोंपर कई लोगोंको बन्दी बनाया गया है । उत्तर प्रदेशमें इसको लेकर शासनका रवैया अत्यधिक कडा देखा जा रहा है । यद्यपि मंगलवारको ही इस प्रकरणमें उच्चतम न्यायालयने उत्तर प्रदेश शासनको इसके लिए फटकार लगाई है ।
मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथके विरुद्ध आपत्तिजनक लेखके पश्चात एक निजी समाचार वाहिनीके पत्रकारको भी बन्दी बनाया गया है ।
“सत्य उजागर करना और कुठाघात व विक्षिप्त मानसिकताके चलते हिन्दू व हिन्दुत्वनिष्ठोंको अपमानित करना दो भिन्न प्रकरण है । पत्रकार अपने हिनवदू द्रोही स्वभावसे पीडित है और फर्जी समाचार दिखानेमें अव्व्ल तो दूसरी ओर हिन्दूद्रोही केरलके मुख्यमन्त्रीका छद्म व फर्जीरूप उजागर करनेके लिए उनके विरुध्द लेख लिखे जाते हैं और उन लोगोंको बन्दी बनाया जाता है, इससे केरलके मुख्यमन्त्रीकी तथाकथित सहिष्णुताका ढोंग भी उजागर होता है ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : वन इण्डिया
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