जुलाई २, २०१९
देहलीके हौज काजीमें दुर्गा मन्दिरमें तोडफोड करनेके प्रकरणमें पुलिसने ३ आरोपियोंको बन्दी बना लिया है । इनमेंसे एक अव्यस्क है ! घटनाकी सीसीटीवी रिकॉर्डिंगमें यह तीनों मदिरमें तोडफोड करते दिख रहे हैं ।
उल्लेखनीय है कि सोमवार, १ जुलाईको पार्किंग विवादको लेकर हुए झगडेके पश्चात घटनाने साम्प्रदायिक रूप ले लिया था । इस मध्य पहले समूचे क्षेत्रमें फैलाया गया कि एक मुसलमान युवककी मॉब लिंचिग हुई है और बलपूर्वक जय श्रीराम बुलवाया गया है । बादमें ‘संप्रदाय विशेष‘की भीड एकत्र हुई और उसने पहले मंदिरमें, तदोपरान्त थानेमें हंगामा किया ।
मन्दिरमें हुई तोड-फोडके पश्चात पूर्ण दिवस क्षेत्रमें तनावकी स्थिति बनी रही; परन्तु सन्ध्याके समय लोग सुलह करने आमने-सामने आए और फतेहपुरी मस्जिदके शाही इमाम डॉ मुफ्ती मोहम्मद मुकर्रमने कहा कि मन्दिरको जो हानि हुई, उसे मुसलमान ठीक कराएं ।
इस घटनाके पश्चात मन्दिरमें हुई तोडफोडका वीडियो तीव्रतासे प्रसारित हो रहा है, जिनमें मुसलमान हंगामा करते दिखाई दे रहे हैं ।
देहली शासनमें मन्त्री और आम आदमी पार्टीके बागी विधायक कपिल मिश्राने इस घटनापर आवाज उठाई और मंदिरमें तोडफोडकी २ वीडियो ट्वीट किए ।
केन्द्रीय मन्त्री व चांदनी चौकसे सांसद हर्षवर्धन भी घटनास्थलपर पहुंचे और कार्यवाहीका आश्वासन दिलाया ।
“अब राजधानीमें धर्मान्धोंद्वारा मन्दिर तोडे जा रहे हैं ! क्या हिन्दू अब भी भाईचारेका भ्रम पालेंगें । क्या बडे और क्या बच्चे सभी मन्दिर तोडने पहुंचे ! पागल उन्मादियोंको सभ्य समाजका अंग नहीं बनाया जा सकता है, यह हिन्दू अब समझ लेंगें तो उन्हींके लिए अच्छा होगा और केवल तीनको ही क्यों बन्दी बनाया गया है ? जब सभी मन्दिर तोडने ही आए थे तो शेषको क्यों नहीं बन्दी बनाया गया ? इससे स्पष्ट है कि शासन केवल खानापूर्ति कर रहा है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : ऑप इण्डिया
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