३० अगस्त २०१९
आन्ध्रप्रदेशके जगन मोहन रेड्डी शासनने तिरुमला ‘तिरुपति देवस्थानम्’के (टीटीडीके) कर्मचारियोंके लिए गुरुवारको एक आदेश जारी किया । इसके अनुसार, जिन कर्मचारियोंने हिंदू धर्म छोडकर किसी अन्य धर्मको अपना लिया, उन्हें चाकरी छोडनी होगी । तिरुपति देवस्थानम्में कुल ४८ अहिन्दू अधिकारी/कर्मचारी हैं।
शासनने ‘टीटीडी’में कार्य करनेवाले कर्मचारियोंके संदर्भमें जांचके आदेश दिए हैं। मुख्य सचिव ‘एलवी’ सुब्रमण्यमने इस सप्ताहके आरम्भमें मंदिरका भ्रमण किया था। तब उन्होंने कहा था कि कर्मचारियोंके घरोंकी भी एकाएक जांचकी जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अहिन्दू धर्मका पालन तो नहीं कर रहे हैं।
सुब्रमण्यमने कहा, ‘‘कई कर्मचारी हैं, जिन्होंने हिंदू धर्म छोडकर किसी अन्य धर्मको अपना लिया है। यह उनका चयन है। उन्हें ऐसा करनेसे कोई नहीं रोक सकता; परन्तु वे ‘टीटीडी’की चाकरी जारी नहीं कर सकते। किसीको भी दूसरोंकी धार्मिक भावनाओंको ठेस पहुंचानेका अधिकार नहीं है।’’
सूत्रोंके अनुसार, कुछ संगठनोंकी ओरसे तिरुमलामें बढते धर्मांतरणको लेकर चिंता जताई जा रही थी । इसी कारण यह निर्णय लिया है। सुब्रमण्यमने कहा, ‘‘ये कर्मचारी विश्वके सबसे धनी हिंदू मंदिर तिरुमलाका प्रबंधन करते हैं। ऐसेमें इन कर्मचारियोंको स्वयं ही साहस दिखाते हुए सामने आकर त्यागपत्र देना चाहिए।’’
स्रोत : दैनिक भास्कर
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