जून १३, २०१९
पश्चिम बंगालमें अपने सहयोगी चिकित्सकोंपर आक्रमण होनेके विरोधमें चिकित्सकोंका विरओध चल रहा है । इसपर मुख्यमत्री ममता बैनर्जीने चिकित्सकोंको चार घंटेका समय दिया है । समाचारके अनुसार, पश्चिम बंगालकी मुख्यमन्त्रीने कोलकाताके राजकीय एसएसकेएम चिकित्सालयका भ्रमण किया, जहां उन्होंने आंदोलनरत कनिष्ठ चिकित्सकोंको ४ घंटेके भीतर कामपर लौटनेके लिए कहा; परन्तु चिकित्सकोंने उनके समक्ष ही ‘हम न्याय चाहते हैं’के नारे लगा दिए !
इसस पूर्व कोलकाताके नील रतन सरकार (NRS) चिकित्सकीय महाविद्यालय और चिकित्सालयमें कनिष्ठ चिकित्सकोंकी हडतालके कारण रोगियोंको दूसरे दिन, बुधवार, ११ जून भी कठिनाइयोंका सामना करना पडा । इससे लोगोंको स्वास्थ्य सेवाओंके लिए अत्यधिक परेशानियां आईं ।
इस समस्याके निदानके लिए कांग्रेसके सांसद अधीर रंजन चौधरीने इस सम्बन्धमें प्रधानमन्त्री मोदीको पत्र लिखा है । अपने पत्रके माध्यमसे उन्होंने प्रधानमन्त्री मोदीको हस्तक्षेप करनेका अनुरोध किया है ।
अपने पत्रमें सांसदने लिखा, “मैं बंगालकी गम्भीर स्थितिपर आपका ध्यान आकर्षित कर रहा हूं, जहां कोलकाताके चिकित्सक सहकर्मीपर आक्रमणके चलते हडतालपर हैं । आपसे अनुरोध है कि आप शीघ्रातिशीघ्र हस्तक्षेप करें ।”
कोलकाता स्थित नील रतन सरकार चिकित्सकीय महाविद्यालय और चिकित्सालयमें सोमवार, १० जूनको एक वृद्ध रोगी मोहम्मद शाहिदकी मृत्युके पश्चात उसके परिजनोंने चिकित्सक परिबाह मुखोपाध्यायपर घातक आक्रमण किया । लगभग २०० की भीडने मोहम्मद शाहिदकी मृत्युके पश्चात चिकित्सालयमें उत्पात मचाया ।
कनिष्ठ चिकित्सकोंके आंदोलनके पश्चात मनोवैज्ञानिक रोग (पैथोलॉजिकल) प्रयोगशालाओं, आउट-पेशेंट विभाग सहित सभी विभागोंने काम करना बंद कर दिया था । इस मध्य, ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ने अपनी सभी राज्य शाखाओंके सदस्योंको शुक्रवार, १४ जूनको विरोध प्रदर्शन करने और काले बैज पहननेका निर्देश भी दिया है ।
अपने सभी राज्य अध्यक्षों और सचिवोंके लिए एक विज्ञप्तिमें, आइएमएने उन्हें शुक्रवारको प्रातःकाल १० बजेसे दोपहर १२ बजेतक जिलाधिकारियोंके कार्यालयोंके सामने प्रदर्शन आयोजित करने और प्रत्येक जनपदमें प्रधानमन्त्रीके नाम एक ज्ञापन सौंपनेके लिए कहा है ।
“यह होता है धर्मान्धोंकी जनसंख्या बढनेके परिणाम कि एक ८५ वर्षीय वृद्धके मरनेपर २०० जिहादियोंकी भीड आती है और चिकित्सकोंपर प्राणघातक आक्रमणकर चली जाती है और लोकतन्त्रकी तथाकथित पक्षधर मुख्यमन्त्री जिहादियोंपर कार्यवाही करनेके स्थानपर उल्टा चिकित्सकोंको विरोध छोडकर कामपर जानेको कहती हैं ! यदि केन्द्र अब भी हस्तक्षेप नहीं करेगा तो बंगालमें हिन्दुओंकी मृत्युका प्रकरण नहीं रूकेगा !” – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : ऑप इण्डिया
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