मानव संसाधन मन्त्री निशंकका प्रखर वक्तव्य, प्रत्येक केन्द्रीय संस्थानके समीप २ संस्कृतभाषी गांंव बनाए जाने चाहिए !


जून १४, २०१९

केन्द्रीय मानव संसाधन मन्त्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंकने गुरूवार, १३ जूनको देहलीमें केन्द्रीय भारतीय भाषा संस्थानोंके प्रमुखोंकी बैठकमें कहा कि केन्द्रीय शिक्षण संस्थानोंके समीप कमसे कम दो गांवोंको संस्कृत भाषा बोलनेवाले गांव बनाए जाने चाहिए । उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओंको सशक्त बनाना उनका लक्ष्य है । इस अवसरपर केन्द्रीय राज्यमन्त्री संजय धोत्रे भी उपस्थित थे ।

समाचारके अनुसार, केन्द्रीय मन्त्री निशंकने कहा कि मानव संसाधन मन्त्रालयके अधिकारियोंके साथ केन्द्रीय भाषासे जुडे संस्थानोंके प्रमुखोंकी निरन्तर समीक्षा बैठक आयोजित होती रहनी चाहिए । इससे भारतीय भाषाओंके विकासको दिशा मिल सकेगी ।

उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षाको बढावा देनेके लिए अधिकसे अधिक शिक्षकोंको प्रविष्ट करनेकी बात कही, जिससे संस्कृत भाषा सीखनेवालोंकी संख्या बढ सके । इससे संस्कृत भाषा विश्व स्तरपर प्रचारित-प्रसारित करनेमें सफलता मिलेगी । केन्द्रीय मन्त्री निशंकने इस बातपर बल देते हुए कहा कि देशमें केन्द्रीय संस्कृत शिक्षण संस्थानोंके आसपास कमसे कम दो ऐसे गांव बनानेका लक्ष्य रखा जाए, जहांके लोग साधारण बोलचालकी भाषाके लिए संस्कृत भाषाका प्रयोग करते हों ।

केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थानोंके प्रमुखोंकी बैठकमें निशंकने संस्कृत भाषाके प्रचार-प्रसारके लिए और भी कई महत्वपूर्ण बातें कही । उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओंके विकासके लिए नूतन ढंग खोजनेकी आवश्यकता है । भारतीय भाषाओंमें नूतन शोध और उन्हें वैज्ञानिक दृष्टि प्रदान करनेकी भी आवश्यकता है । इससे संस्कृत भाषा राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तरपर अपनी पहचान बना सकेगी ।

“निशंकजीको साधुवाद ! लम्बे समय पश्चात किसी नेताके मुखसे इस महान भाषाके जीर्णोद्धारकी इतनी बातें सुननेको मिली हैं । अब बस निशंकजी इसे कृतिमें लाइए, सभी राष्ट्रवादी आपके साथ खडे हैं !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

स्रोत : ऑप इण्डिया



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