योगी शासनद्वारा बनाए गए ‘बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन’के अधिनियमोंको मौलानाओंने बताया उचित


०६ दिसंबर, २०२०

उत्तर प्रदेशके योगी शासनद्वारा बनाए गए अध्यादेशको लाया जा चुका है । यह अधिनियम किसी भी बलपूर्वक धर्मपरिवर्तनके विरुद्ध बनाया गया है । इसके बनते ही उत्तर प्रदेशके मौलानाओंने इसे उचित बताना आरम्भ कर दिया है । ‘दरगाह-ए-आला हजरत’के मौलाना ‘रजकी दारुल इफ्ता’ने ‘फतवा’ प्रस्तुत किया है कि प्रलोभन देकर, बलपूर्वक धर्म-परिवर्तन कराना पूर्णतः अनुचित है, यह ठीक नहीं है ।
एक दिसम्बरको ‘सोशल मीडिया’पर प्रेषित किया गया कि यह ‘फतवा’ लोगोंने कुछ समय पश्चात देखा । ‘सुन्नी कॉउंसिल’के राष्ट्रीय अध्यक्ष ‘अहमद कादरी’ने ही ‘दारुल इफ्ता’से प्रश्न किया था कि ‘लव जिहाद’की शरीयतमें क्या स्थिति है ? इसके उत्तरमें मौलाना ‘रिजवी’ने बलपूर्वक धर्म-परिवर्तनको अनुचित बताया । यहांतक कि विवाहके लिए भी धर्म-परिवर्तन कराना अनुचित माना जाता है । मौलाना ‘अरसलान रजा खां’ने इसकी ‘सोशल मीडिया’पर पुष्टि भी की है । एक हिन्दू परिवारका अपनी स्वेच्छासे धर्म परिवर्तन किए जानेका उदाहरण देते हुए कहा कि इमें कोई कठिनाई नहीं है । दो भिन्न शब्दोंसे बनाया गया शब्द ‘लव जिहाद’में, आंग्ल और अरबी शब्दोंका समावेश है, जिसका शरीयतमें कोई स्थान नहीं है । उत्तर प्रदेश शासनद्वारा एक ४४ वर्ष पुराने अधिनियमको, जिसमें भिन्न-भिन्न धर्मोंके वैवाहिक युगलोंको प्रोत्साहित किया जाता रहा है, उस आन्तरिक विवाह पद्धतिकी योजनाको समाप्त किया जा सकता है ।

        अभीतक मुसलमान अपने बल-प्रदर्शनकर जिहाद करते हुए हिन्दुओंका धर्म परिवर्तन कर रहे हैं । योगी शासनद्वारा बल-प्रयोग करनेपर ये भयभीत हो गए; इसलिए योगीजी सदृश हिन्दुत्वनिष्ठ नेता हैं, तो हिन्दुओंका उत्थान अवश्य ही सम्भव है । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ

स्रोत : ऑप इंडिया



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