४ सितम्बर, २०१९
बाबरीके पक्षकारोंने तो हिन्दुओको अपने ही आराध्यके मन्दिरमें घुसपैठी घोषित कर डाला ! बाबरीके पक्षकारने मध्य कहा कि १९३४में हिन्दुओंने बाबरी मस्जिदपर आक्रमण किया, तत्पश्चात १९४९में अवैध ढंगसे घुसपैठ की और अंतिम वर्ष १९९२ में इसे ध्वस्त कर दिया । अब कह रहे हैं कि सम्बन्धित भूमिपर उनके अधिकारकी रक्षाकी जानी चाहिए । अति तो ये हो गई कि मुस्लिम पक्षकारने कहा कि वैदिक कालमें मन्दिरकी परम्परा थी ही नहीं जबकि उस कालके कई भव्य मन्दिरोंके अवशेष अभी भी मिल जाया करते हैं ।
“धर्मनिरपेक्ष हिन्दू कब धर्मनिरपेक्षताका पालन करते-२ इस्लामिक बन जाते हैं, यह उन्हें स्वयं ज्ञात नहीं होता और यही स्थिति हिन्दुओंके विरुद्घ लड रहे इन कथित हिन्दू अधिवक्ताकी है ! इससे ही धर्मनिरपेक्षता एक धीमि विष है, यह बोध हैता है ।” – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : सुदर्शन
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