७ सितम्बर, २०१९
सबरीमालामें भक्तोंकी भावनाको पुलिसकी सहायतासे कुचलनेवाली केरलकी वामपंथी शासन क्या इस मंदिरपर नियन्त्रण करनेकी सिद्धता कर रही है? क्या उसकी दृष्टि मंदिरकी आजीविकापर है ? यह प्रश्न इसलिए उठ खडा हुआ है; क्योंकि केरलका शासन सबरीमाला श्राइनके १५०से अधिक मंदिरोंके लिए नए विधान बना रहा है। राज्यशासनने स्वयं सर्वोच्च न्यायालयको यह जानकारी दी है।
राज्य शासनकी इस कृतिपर कई लोगोंने तीखी आपत्ति प्रकट की है। त्रावणकोर देवासम समितिके पूर्व अध्यक्ष पी. गोपालकृष्णनने कहा है कि मंदिरों और उनके राजस्वपर नियन्त्रण करनेके लिए शासन यह पग उठा रहा है। यद्यपि, केरल शासनके मंत्री के. सुरेंद्रनने इन आरोपोंको खण्डन करते हुए कहा कि मंदिरके शासन-व्यवस्थासे कोई छेडछाड नहीं की जाएगी।
स्रोत : ऑप इंडिया
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