मई ३१, २०१९
केन्द्रीय मन्त्री स्मृति ईरानीके निकटवर्ती और भारतीय जनता पार्टीके कार्यकर्ता सुरेन्द्र सिंहकी हत्याके प्रकरणमें पुलिसने शुक्रवार, ३१ मईको मुख्य आरोपी वसीमको बन्दी बना लिया है । पुलिसने वसीमको एक मुठभेडके पश्चात बन्दी बनाया है । सुरेन्द्र सिंह हत्याकाण्डमें सम्मिलित ४ आरोपियोंको पहले ही बन्दी बनाया जा चुका है ।
सूचनाके अनुसार, जामो थाना क्षेत्रमें ही पुलिस और वसीमके मध्य भिडन्त हो गई, जिसमें दोनों ओरसे गोलियां चली । इस मध्य वसीमके पैरमें गोली लगी, जिसके पश्चात वसीमको चोटिल अवस्थामें पुलिसने बन्दी बना लिया । उच्च पुलिस अधीक्षक दयारामने कहा कि उसे चिकित्साके लिए जामो सीएचसी चिकित्सालयमें प्रविष्ट कराया गया है ।
सुरेंद्र सिंह हत्याकांडमें पुलिसको कई महत्वपूर्ण साक्ष्य भी मिले हैं । पुलिसको हत्यामें सम्मिलित एक आरोपीके पाससे रक्तसे सना तौलिया भी मिला है । इसके अतिरिक्त एक देशी पिस्तौल भी मिली है ।
उल्लेखनीय है कि, अमेठीमें शनिवार, २५ मईको देर रात सुरेंद्र सिंहकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । मृतकको स्मृति ईरानीने स्वयं कंधा दिया था । रविवार, २६ मईको सुरेंद्र सिंहके अनुज नरेन्द्र सिंहकी परिवादपर जामो पुलिसने अभियोग प्रविष्ट किया था, जिसके अन्तर्गत पुलिसने वसीम, नसीम, गोलू सिंह, रामचंद्र बीडीसी, रामनाथ गुप्ताके विरुद्ध अभियोग प्रविष्ट किया।
“कांग्रेस, सपा और बसताके पोषित गुण्डे अनेक धर्मान्ध आजसे पूर्व हत्याएं कर बचकर निकल जाते थे; परन्तु अब योगी शासनके अन्तर्गत पकडे जाने लगे हैं, जो अच्छा समाचार है । इसके साथ ही यह हमारे न्यायतन्त्रकी व्यवस्थाको भी उजागर करता है कि न्याय सबको मिल सकता है; परन्तु पुलिसका कार्य राजनीतिक इच्छा शक्तिपर ही निर्भर करता है । सुरेन्द्र नेताके निकटवर्ती थे तो उनके हत्यारे पकडे गए; परन्तु क्या उतनी ही तीव्रतासे साधारण नागरिकके हत्याके अपराधी और दुष्कर्मी भी पकडे जाएंगें । जब यह होगा तब धर्मराज माना जाएगा ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : ऑप इण्डिया
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