दिसम्बर २९, २०१८
योगी आदित्यनाथने उत्तरप्रदेश पुलिसकी एनकाउण्टर पॉलिसी’को योग्य बताते हुए कहा कि अपराधियोंका कोई मानवाधिकार नहीं होता है । कोई भी संगठन मानवाधिकारके नामपर अपराधियों व आतंकियोंकी पैरवी न करें । ‘पुलिस वीक’के समय शुक्रवार, २८ दिसम्बरको ‘उत्तरप्रदेश १००’के मुख्यालयमें आयोजित वरिष्ठ अधिकारियोंके सम्मेलनको सम्बोधित करते हुए योगीने कहा कि उत्तरप्रदेश पुलिस और शासनपर आक्षेप करनेका प्रयास हुआ, परन्तु गत पौने दो वर्षोंमें देश और विदेशमें उत्तर प्रदेशकी छवि सुधारनेमें उत्तरप्रदेश पुलिसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । नेपाल व म्यांमारने भी उत्तरप्रदेश पुलिसकी कार्यवाहीकी प्रशंसा की है ।
मुख्यमन्त्रीने कहा कि राजनीतिक विद्वेष न हो तो साधारणजन भी कह रहे हैं कि वे सुरक्षित हैं । पहले घरोंमें घुसकर महिलाओंसे छेडछाड होती थी । हमारे शासनमें सुरक्षाका वातावरण बनाया । अब गांवकी महिलासे लेकर शीर्ष उद्योगपति भी सुरक्षाका भान कर रहे हैं । रतन टाटाने मुझसे कहा था कि अब उत्तरप्रदेशको लेकर सोच परिवर्तित की है । मुख्यमन्त्रीने कहा कि मानवाधिकारोंको लेकर हमारे विरुद्ध लिखा गया, परन्तु जनताने हमारी प्रशंसा की ।
एक घण्टे ४० मिनटके सम्बोधनमें मुख्यमन्त्रीने पुलिसकी प्रशंसा तो की, परन्तु कार्यक्षेत्रमें न निकलने वाले अधिकारियोंकी कक्षा भी ली । उन्होंने कहा कि वेशभूषाका अर्थ केवल कार्यालयका कार्य नहीं है । ‘एडीजी’ और ‘आईजी’को कार्यक्षेत्रमें निकलना चाहिए । अधिकारी कार्यक्षेत्रपर लोगोंकी समस्याएं नहीं सुनते हैं; इसलिए लोग सहायताके लिए मेरे पास आते हैं । पौने दो वर्ष पश्चात भी मुझे अधिकारियोंको बार-बार चलभाष क्यों करना पडता है ? अधिकारी कार्यक्षेत्रमें जाएंगे तो सार्थक परिणाम मिलेंगें ।
“उत्तरप्रदेशमें अपराधको रोकने हेतु अपराधियों व आतंकियोंका एनकाउण्टर अवश्य ही योग्य पग है, परन्तु लगभग प्रत्येक दिवस आने वाले गोहत्याके समाचार हिन्दुओंको क्षुब्ध कर रहे हैं कि क्यों पुलिस इसपर नियन्त्रण नहीं कर पा रही है ? योगी शासन पूर्ण समाधानके साथ उचित पग उठाए ताकि होने वाली गोहत्याओंपर पूर्ण प्रतिबन्ध लगें !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : अमर उजाला
Leave a Reply