दिसम्बर २७, २०१८
उत्तर प्रदेशमें समाजवादी पार्टीके नेता आजम खान एक बार पुनः अपने वक्तव्यको लेकर चर्चामें हैं । तीन तलाक विधेयकको लेकर चल रही वार्ताके मध्य उन्होंने कहा है कि मुसलमानोंके लिए कोई विधान (कानून) मान्य नहीं है । मुसलमान केवल कुरानको मानता है । उन्होंने कहा कि जो कुरानमें कहा गया है, मुसलमान वही मानेगा और कोई विधान (कानून) नहीं ।
आजम खानने कहा, “जो मुसलमान हैं, जो कुरानको मानते हैं, वे जानते हैं कि तलाकका पूरी विधि कुरानमें दी गई है । हमारे लिए उसके अतिरिक्त कोई विधान मान्य नहीं है । केवल कुरानका विधान ही मुसलमानोंके लिए मान्य है ।”
उन्होंने कहा, “समूचे विश्वमें मुसलमानोंके लिए केवल और केवल कुरानका कानून ही मान्य है । इसके अतिरिक्त मुसलमान कोई विधान नहीं मानता है । ये हमारा धर्मका प्रकरण है । मुसलमानोंके लिए ‘पर्सनल लॉ बोर्ड’ है । यह हमारा व्यक्तिगत प्रकरण है कि मुसलमान कैसे विवाह करेगा ? कैसे तलाक लेगा ?”
“यह हिन्दुस्तान है, जहां हिन्दुओंने अन्योंको शरण दी है, आजम खान यह ध्यानमें रखें और यदि कोई समुदाय राष्ट्रका विधान नहीं मानता है तो उसे राष्ट्रमें रहनेका अधिकार भी नहीं होना चाहिए, अन्यथा वह राष्ट्रके हितमें नहीं हो सकता है, उसे वहीं पालन करना चाहिए, जो उस राष्ट्रका विधान हो तभी शान्ति सम्भव है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : नभाटा
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